सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला: “एसआईआर के नाम पर वोट का अधिकार छीना जा रहा”,
बीएलओ की मौत मामले में लगाए गंभीर आरोप
1 months ago Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एसआईआर के बहाने वोट डालने का अधिकार छीना जा रहा है और बीएलओ पर अनावश्यक मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। इस दौरान अखिलेश यादव ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले बीएलओ विजय कुमार वर्मा के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी।
“एसआईआर बहाना है, वोट छीनना असली मकसद”—अखिलेश यादव अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी और निर्वाचन आयोग एसआईआर की आड़ में वोटरों के अधिकार छीनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक “सोची-समझी रणनीति” है, जिसके माध्यम से आरक्षण और नागरिक अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीएलओ पर भारी दबाव डाला जा रहा है ताकि गलत तरीके से फॉर्म खारिज किए जा सकें।
बीएलओ की मौत पर परिवार के गंभीर आरोप अखिलेश ने हाल ही में 14 नवंबर को ब्रेन हेमरेज से हुई बीएलओ विजय कुमार वर्मा की मौत का मुद्दा उठाया। परिजनों ने बताया कि विजय वर्मा शिक्षा मित्र थे और बीएलओ ड्यूटी में लगे थे। 14 नवंबर की रात वे अपना काम कर रहे थे, तभी अचानक फर्श पर गिर पड़े और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है। परिवार का आरोप है कि प्रशासन उन पर दबाव बना रहा है कि वे यह कहें कि मृतक ड्यूटी पर नहीं थे या पहले से बीमार थे। मृतक की पत्नी ने कहा कि न सरकार ने मदद की, न अधिकारी, उल्टा झूठे तर्क देकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की जा रही है।
परिवार को एक करोड़ मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी की तरफ से अभी दो लाख रुपये सहायता दी गई है, लेकिन सरकार को चाहिए कि मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि बीएलओ की मौत ड्यूटी के दौरान हुई और इसे छिपाने की कोशिश हो रही है।
“एसआईआर को लेकर भाजपा इतनी जल्दी में क्यों?” अखिलेश ने कहा कि इस प्रक्रिया में इतनी जल्दी क्यों की जा रही है, जबकि फॉर्म में कई तकनीकी बातें होती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार और आयोग की मिलीभगत का परिणाम है। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर बीएलओ का सहायक तक सफाई कर्मचारी को बना दिया गया है, जो इस कार्य को समझने में सक्षम नहीं होता।
सरकार के दावों पर सवाल अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार दावा करती है कि सभी फॉर्म बांटे जा चुके हैं, जबकि जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह दबाव जारी रहा तो कई गरीब और वंचित वर्ग के लोग अपने वोटिंग अधिकार से वंचित हो जाएंगे।