क्या अलीगढ़ में भूत कर रहें बिजली चोरी?
पूरा मामला जानकर चकरा जाएंगे
2 days ago
Written By: State Desk
Aligarh News: अलीगढ़ में बिजली विभाग और विजिलेंस टीम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पांच साल पहले मर चुके लोगों पर बिजली चोरी का केस दर्ज किया गया। जांच में जब आरोपी के बारे में जानकारी निकाली गई, तो पता चला कि वह व्यक्ति तो पहले ही मर चुका है। कोर्ट में जब मुकदमे की समीक्षा हुई तो सच्चाई सामने आई। बता दें कि अब तक ऐसे 179 केस सामने आ चुके हैं। इन सभी मामलों में एफआर लगाकर केस खत्म कर दिए गए थे। लेकिन कोर्ट ने एफआर खारिज कर दी और सभी केसों को दोबारा जांच के लिए भेज दिया है।
बिना सत्यापन के दर्ज हो रहे केस
जानकारी के अनुसार, विजिलेंस टीम केवल मीटर कनेक्शन के नाम पर केस दर्ज कर रही थी। यह नहीं देखा गया कि जिस व्यक्ति के नाम कनेक्शन है, वह जीवित है या नहीं। टीमों का ध्यान सिर्फ आंकड़ों पर था, ताकि ज्यादा केस दिखाकर गुडवर्क बताया जा सके। पिछले साल 6463 केस अदालत में पहुंचे थे। इनमें 1710 में एफआर लगाई गई। इस साल अप्रैल तक 892 केस पहुंचे, जिनमें से 838 में एफआर लगी। ये आंकड़े खुद बता रहे हैं कि जांच बिना सत्यापन के हो रही थी।
कोर्ट ने जताई नाराज़गी, मृत व्यक्ति पर केस दर्ज क्यों
कोर्ट ने पूछा कि जब कनेक्शनधारक मर चुका था तो असली उपयोगकर्ता पर केस क्यों नहीं हुआ आखिर चार्जशीट क्यों नहीं भेजी गई इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और मामले वापस भेज दिए। एडवोकेट प्रमोद कुलश्रेष्ठ ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह गलत है। पहले यह देखना जरूरी है कि व्यक्ति जिंदा है या नहीं। इसके बाद ही मुकदमा दर्ज हो। मुख्य अभियंता ए.के. वर्मा ने भी गलती मानी है। वहीं उन्होंने कहा कि अब टीमों को नए निर्देश दिए जाएंगे। जांच के बिना केस दर्ज नहीं होगा। शक यह भी है कि कुछ मामलों में वर्तमान निवासी से मिलकर एफआर लगाई गई। अब इन मामलों की जांच दोबारा होगी। 2023-24 में 100, 2024-25 में 72 और इस साल अब तक 7 मृतकों पर एफआर लगाई जा चुकी है।