अलीगढ़ में SDM की गाड़ी पर पथराव, भीड़ ने घेरा तो दौड़कर थाने पहुंचे अफसर,
बाल-बाल बची जान
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से बुधवार शाम एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। यहां अतरौली के एसडीएम (SDM) सुमित सिंह की सरकारी कार पर भीड़ ने अचानक हमला कर दिया। उनकी गाड़ी पर जमकर ईंट-पत्थर फेंके गए। हालात इतने खराब हो गए कि एसडीएम को अपनी जान बचाने के लिए करीब एक किलोमीटर तक दौड़ लगानी पड़ी। वे किसी तरह पास के महुआखेड़ा थाने पहुंचे, जहां जाकर उन्होंने जान बचाई। इस हमले में एसडीएम, उनका ड्राइवर और गनर घायल हुए हैं। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है।
सरकारी जमीन पर कार्रवाई से भड़की भीड़ घटना अलीगढ़ के महुआखेड़ा इलाके के कयामपुर गांव की है। जानकारी के अनुसार, यहां कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर दीवार बना रखी थी। इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए बुधवार शाम करीब चार बजे नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीन की मदद से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। कार्रवाई शुरू होते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए। उन्होंने निगम की कार्रवाई का विरोध किया और कुछ लोगों ने जेसीबी के आगे लेटकर काम रोकने की कोशिश की। कई लोगों ने निगमकर्मियों से बहस और धक्का-मुक्की भी की। यह टकराव करीब एक घंटे तक चलता रहा। कार्रवाई पूरी होने के बाद नगर निगम की टीम तो लौट गई, लेकिन भीड़ मौके पर ही नारेबाजी करती रही।
SDM की गाड़ी पर अचानक हुआ पथराव
इसी दौरान अतरौली के एसडीएम सुमित सिंह अपनी सरकारी गाड़ी से उसी रास्ते से गुजर रहे थे। स्थानीय लोगों ने गाड़ी देखकर यह समझ लिया कि प्रशासन दोबारा कोई कार्रवाई करने आया है। देखते ही देखते भीड़ भड़क गई और उन्होंने गुस्से में हाथ में ईंट-पत्थर उठा लिए। फिर बिना कुछ समझे एसडीएम की गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। हमले के दौरान गाड़ी के शीशे टूट गए और एसडीएम को गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने किसी तरह दौड़कर एक किलोमीटर दूर महुआखेड़ा थाने में शरण ली। इस दौरान उनका गनर गाड़ी में ही फंस गया, जिसे भीड़ ने पीट दिया। हालांकि बाद में कुछ लोगों ने बीच में आकर उसे बचा लिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, हिरासत में कई लोग
हमले की सूचना मिलते ही चार थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। भीड़ वहां से भाग खड़ी हुई। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है और इलाके के सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है। सीओ सिटी कमलेश कुमार ने बताया कि नगर निगम ने अपने अभियान की जानकारी स्थानीय थाने को न तो लिखित में दी थी और न ही फोन पर सूचित किया गया था।
नगर निगम का दावा – पुलिस को सूचना दी गई थी वहीं दूसरी ओर नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि निगम की टीम ने कार्रवाई से पहले पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस की ओर से दो से तीन कॉन्स्टेबल मौके पर मौजूद थे और उन्हीं की मौजूदगी में कार्रवाई की गई। मीणा ने कहा कि निगम की टीम के लौटने के बाद यह हंगामा हुआ। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।