रेप पीड़िताओं की जांच में देरी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई चिंता,
बलात्कार मामलों में मेडिकल जांच अनिवार्य
2 days ago
Written By: State Desk
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रेप पीड़िताओं की मेडिकल जांच में हो रही देरी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि यह देरी रेडियोलॉजिस्ट की भारी कमी के कारण हो रही है। कई जिलों में तो एक भी रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है, जबकि कुछ जिलों में आवश्यकता से अधिक तैनात हैं। उदाहरण के लिए, लखनऊ में 78 रेडियोलॉजिस्ट हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में एक भी नहीं। यह स्थिति बेहद असंतुलित है, जिसे ठीक करना बेहद ज़रूरी है। बता दें कि यह टिप्पणी न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने एक ज़मानत याचिका की सुनवाई के दौरान की। यह याचिका प्रकाश कुमार गुप्ता नामक युवक की थी, जिस पर एक व्यक्ति ने 13 वर्षीय बेटी के अपहरण और बलात्कार का आरोप लगाया था। हालांकि, लड़की ने बयान दिया कि वह 19 साल की है और अपनी मर्जी से युवक के साथ गई थी। उसने यह भी कहा कि वह कानूनन संबंध बनाने में सक्षम है और उसने खुद अपने पिता का घर छोड़ा।
कोर्ट ने जांच न होने पर जताई कड़ी नाराजगी
कोर्ट ने इस मामले में लड़की की उम्र की पुष्टि के लिए मेडिकल जांच का आदेश दिया था, जो बलिया जिले में होनी थी। लेकिन वहां रेडियोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति के कारण उसे वाराणसी भेजा गया। वहां रेडियोलॉजिस्ट ने जांच करने से इनकार कर दिया, यह कहकर कि आदेश बलिया के लिए था। वहीं कोर्ट ने इसे तकनीकी बहाना बताया और कड़ी नाराजगी जताई।
इलाके के आधार पर इलाज से इनकार गलत: न्यायालय
कोर्ट ने कहा कि किसी भी रेडियोलॉजिस्ट को संवैधानिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए। जैसे वे जाति, धर्म या लिंग के आधार पर मरीज को मना नहीं कर सकते, वैसे ही क्षेत्र के आधार पर भी इनकार नहीं कर सकते। कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि डॉक्टरों की तैनाती में संतुलन लाया जाए और सभी जिलों में आवश्यक मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि पीड़ितों को समय पर न्याय मिल सके।