फर्जी प्रोफाइल से रहें सावधान, मेरे नाम से चल रहे नकली अकाउंट..
पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने जनता से की सतर्क रहने की अपील
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) आलोक रंजन ने जनता को सावधान किया है। उन्होंने बताया कि कुछ असामाजिक लोग उनके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल करके फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बना रहे हैं। इन अकाउंट्स से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही है और संभव है कि मैसेज के जरिए धोखाधड़ी की कोशिश भी की जाए। आलोक रंजन ने लोगों से अपील की है कि केवल उनके आधिकारिक अकाउंट को ही सही मानें और किसी भी संदिग्ध प्रोफाइल से दूरी बनाए रखें।
आलोक रंजन की अपील
पूर्व मुख्य सचिव ने साफ कहा कि कोई भी संदिग्ध अकाउंट से आई फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें और न ही उनके मैसेज का जवाब दें। अगर किसी को ऐसा अकाउंट दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि जनता का सहयोग और सतर्कता बेहद जरूरी है ताकि किसी भी तरह की ठगी या भ्रम से बचा जा सके।
कौन हैं आलोक रंजन
आलोक रंजन 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्नाव जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 9 मार्च 1956 को हुआ था। उनके पिता त्रिभुवन नाथ श्रीवास्तव भारतीय वन सेवा (IFS) में थे। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया था। बतौर जिलाधिकारी वे 6 जिलों में काम कर चुके हैं। साल 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया और दो साल तक इस पद पर रहे। उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन भी मिला था। सेवानिवृत्ति के बाद 2016 में अखिलेश यादव सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार और यूपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (UPIDC) का एमडी बनाया। आलोक रंजन को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का करीबी और भरोसेमंद अफसर माना जाता है। 2017 विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार बने रहे।
साइबर ठगों के निशाने पर भी रह चुके
गौरतलब है कि पिछले साल भी आलोक रंजन साइबर ठगों के शिकार हो चुके हैं। उस समय जालसाजों ने एसबीआई कर्मचारी बनकर उनसे संपर्क किया था और क्रेडिट कार्ड बिल के नाम पर 32 हजार रुपये ठग लिए थे। इस घटना के बाद अब फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट का मामला सामने आने से उन्होंने लोगों को पहले से सतर्क रहने की सलाह दी है।