राम मंदिर शिखर पर भगवा ध्वज फहराया गया;
योगी ने पीएम मोदी व मोहन भागवत को ध्वज व रामलला का मॉडल भेंट किया
1 months ago Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज ऐतिहासिक कार्यक्रम के तहत श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज विधिवत आरोहित किया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख अतिथि थे। समारोह में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कई अंग दिखे—सीएम योगी ने प्रधानमंत्री और सरसंघचालक को मंदिर के शिखर पर फहराए गए भगवा ध्वज और रामलला की मूर्ति का लघु मॉडल भेंट किया। उपस्थित संतों तथा श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर गायक-भजन और पुष्पवर्षा कर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
मोहन भागवत ने कहा—‘यह राम राज्य का ध्वज है’ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस अवसर को इतिहास में अहम बताया और मंदिर निर्माण के लिए जीवन समर्पित करने वालों के बलिदान को याद किया। भागवत ने कहा कि यह ध्वज राम राज्य का वही प्रतीक है जो कभी अयोध्या में लहराया करता था। उन्होंने कहा कि हजारों लोगों ने सपना देखा और बलिदान किए—उनकी आत्माएँ आज तृप्त हुई होंगी। भागवत ने यह भी कहा कि ध्वज का आरोहण केवल एक समारोह नहीं, बल्कि संस्कृतिक और धार्मिक पुनर्स्थापना का प्रतीक है।
कचनार वृक्ष और धर्म-जीवन का संदेश भागवत ने बताया कि ध्वज के निर्माण में उपयोग किए गए कचनार वृक्ष का विशेष धार्मिक अर्थ है। उन्होंने कहा कि कचनार उपयोगी वृक्ष है और इसे ‘धर्म जीवन’ का प्रतीक बताया। भागवत ने यह भी कहा कि सूर्य का मार्ग और कर्तव्य का पालन हमारे जीवन का आधार होना चाहिए—जैसे सूर्य पूर्व से पश्चिम बिना थके चलता है, वैसे ही कर्तव्य का पथ भी अटूट होना चाहिए।
500 साल की प्रतीक्षा और भावनात्मक महत्त्व मोहन भागवत ने इस समारोह में यह भी जोर देकर कहा कि राम मंदिर तक पहुंचने की प्रक्रिया लंबी रही—हालांकि 500 साल का संदर्भ रहा, फिर भी हाल के दशकों में करीब 30 वर्षों की अथक कोशिशों का परिणाम आज साकार हुआ है। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं से इस ऐतिहासिक क्षण के लिए श्रद्धा और एकात्मता का संदेश भी साझा किया। इस कार्यक्रम को धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व का क्षण माना जा रहा है। आयोजकों ने कहा है कि यह आयोजन देश में धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर रहेगा।