अयोध्या में आरटीओ और बिजली विभाग की जंग,
गाड़ी सीज की तो काटा कनेक्शन
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: अयोध्या में आरटीओ कार्यालय और बिजली विभाग के बीच विवाद की खबर सामने आई है। दोनों विभाग एक-दूसरे पर कार्रवाई कर रहे हैं, जिससे कामकाज प्रभावित हो गया है। आरटीओ ने बिजली विभाग की बोलेरो गाड़ी को फिटनेस प्रमाणपत्र न होने की वजह से सीज कर दिया। इसके जवाब में बिजली विभाग ने आरटीओ ऑफिस का बिजली कनेक्शन काट दिया। इसके कारण आरटीओ कार्यालय में बिजली नहीं है और वहां जनरेटर के सहारे काम चल रहा है। दोनों विभाग एक-दूसरे की खामियां गिनाने में लगे हुए हैं।
कागजात न होने पर आरटीओ ने गाड़ी की जब्त
मिल्कीपुर क्षेत्र में आंधी-बारिश के कारण कई बिजली लाइनें खराब हो गई थीं, जिससे बिजली कटौती हुई। बिजली विभाग का ड्राइवर 29 मई को बोलेरो गाड़ी लेकर जिला मुख्यालय के स्टोर पर सामान लेने गया था। वह जब अयोध्या-रायबरेली हाईवे पर पहुंचा तो आरटीओ के कर्मचारी उसे जांच के लिए रोककर गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट मांगे। कागजात न होने पर उन्होंने गाड़ी जब्त कर ली। ड्राइवर ने बार-बार कहा कि वह सामान लेकर वापस आ जाएगा, लेकिन कर्मचारियों ने अनुमति नहीं दी और गाड़ी छोड़कर ड्राइवर वापस मिल्कीपुर लौट गया।
बिजली विभाग ने आरटीओ ऑफिस का काटा कनेक्शन
बता दें कि दूसरे दिन बिजली विभाग ने आरटीओ कार्यालय का बिजली बिल निकाला, जिसमें करीब 4.89 लाख रुपये बकाया थे। इसके बाद बिजली विभाग ने ऑफिस का बिजली कनेक्शन काट दिया। अब आरटीओ ऑफिस में जनरेटर के सहारे काम हो रहा है। मिल्कीपुर बिजली विभाग के सहायक अभियंता अमित कुमार सिंह ने बताया कि बोलेरो गाड़ी जब्त होने से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वे कई बार पैदल और ई-रिक्शा से सफर करते हैं। बिजली विभाग की कामकाज में देरी हो रही है और कई जगह मेगा कैंप भी समय पर नहीं लग पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 5-6 महीनों से ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने के कारण गाड़ी की फिटनेस सही नहीं हो पा रही है। उन्होंने आरटीओ से कुछ वक्त मांगा था, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।
आरटीओ ऑफिस का जनरेटर पर चल रहा है काम
आरटीओ अधिकारी राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि ऑफिस का काम जनरेटर से चल रहा है और बिजली बिल साल के अंत में जमा किया जाता है। उन्होंने बताया कि बोलेरो विद्युत उपखंड अधिकारी अमित कुमार सिंह के अधीन अनुबंधित थी और 20 दिन पहले भी इसकी फिटनेस जांच हुई थी, जिसमें समस्या पाई गई। चालक को कागजात दुरुस्त करने के लिए कहा गया था, लेकिन नियमों का पालन नहीं होने के कारण गाड़ी सीज की गई। इस पूरे विवाद से दोनों विभागों के कामकाज पर असर पड़ा है और जनता को भी परेशानी हो रही है। अभी तक दोनों पक्षों में कोई समाधान नहीं निकला है।