अयोध्या में मार्ग नामकरण का विवाद: पागलदास महाराज का नाम हटाकर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का नाम,
संत समाज में असंतोष
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: अयोध्या में भगवान श्री रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के बाद शहर का स्वरूप बदलता जा रहा है। विकास के नए कार्य पूरे हो रहे हैं, लेकिन इसी बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रमोद वन चौराहे से राम कथा कुंज मंदिर और निर्मोही बाजार तक 300 मीटर लंबे मार्ग का नाम बदलकर अब इसे कांची कामकोटि पीठ के 69वें जगद्गुरु शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती महाराज मार्ग कर दिया गया है। पहले यह मार्ग पागलदास महाराज के नाम से जाना जाता था, जो अयोध्या के प्रतिष्ठित संत रहे।
महापौर के अनुसार नामकरण का कारण
महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कई बार मध्यस्थता की और उनका अयोध्या से गहरा जुड़ाव रहा। उनके अनुयायियों के अनुरोध पर नगर निगम की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया और सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। महापौर का कहना है कि मार्ग का नाम बदलने का उद्देश्य उनके योगदान और मार्गदर्शन का सम्मान करना था।
संत समाज में असंतोष
हालांकि, इस नामकरण को लेकर संत समाज और स्थानीय लोगों में असंतोष देखा जा रहा है। राम कचहरी चार धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास ने कहा कि स्वामी पागलदास जी का मार्ग पर नाम हटाना दुखद है। उनका योगदान संगीत और संत परंपरा में अमूल्य रहा है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने महापौर की इस कार्रवाई को ‘कुंठित मानसिकता’ बताया और कहा कि इससे अयोध्या की असली पहचान और गौरव को नुकसान पहुँच रहा है।
धार्मिक परंपरा और प्रशासनिक निर्णय
अयोध्या में संत परंपरा और धार्मिक स्मृतियों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। ऐसे नामकरण और बदलाव के फैसले संत समाज में विवाद उत्पन्न कर रहे हैं। प्रशासन अब इस पर क्या कदम उठाता है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। इस मामले से स्पष्ट है कि अयोध्या में विकास और धार्मिक सम्मान के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।