मोहन भागवत के बयान पर सियासी तूफान, अयोध्या के संत बोले-
काशी-मथुरा पर न्याय न मिला तो होगा आंदोलन
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
RSS chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान के बाद देशभर में काशी और मथुरा को लेकर नई बहस छिड़ गई है। अब अयोध्या के संत भी सामने आए हैं और उन्होंने इस बयान को केवल व्यक्तिगत राय नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और धार्मिक संकेत बताया है। संतों का कहना है कि काशी और मथुरा का मुद्दा हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है और इसे अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
मोहन भागवत का बयान
गुरुवार को मोहन भागवत ने कहा था कि संघ काशी और मथुरा से जुड़े किसी आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस ने सिर्फ राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया था। बाकी किसी भी आंदोलन में संघ शामिल नहीं होगा, लेकिन स्वयंसेवक अपनी इच्छा से भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि काशी-मथुरा जैसे मुद्दों पर संघ का संगठनात्मक रूप से कोई हिस्सा नहीं होगा।
अयोध्या के संतों की राय
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि यह बयान भाजपा के लिए एक बड़ा संदेश है। अगर भाजपा की सरकार होते हुए भी हिंदुओं को आंदोलन करना पड़े, तो यह सोचने की बात है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काशी और मथुरा का समाधान न्यायिक प्रक्रिया से ही होगा। हनुमानगढ़ी के संत देवेशाचार्य जी महाराज ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भले ही संघ आंदोलन न करे, लेकिन हिंदू अपने अधिकारों के लिए जरूर खड़ा होगा। यह भागवत की व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन काशी और मथुरा सनातन धर्म के आस्था केंद्र हैं। अगर अदालत हमारी भावनाओं को नहीं मानती, तो आंदोलन होगा और हम काशी-मथुरा वापस लेकर दिखाएंगे।
मुस्लिम समाज से अपील
देवेशाचार्य जी ने मुस्लिम समुदाय से भी अपील की कि गंगा-जमुनी तहजीब बनाए रखने के लिए काशी और मथुरा हिंदुओं को सौंप दिए जाएं। उनका कहना था कि अगर मुस्लिम भाई खुद आगे आकर यह कदम उठाते हैं, तो न तो तनाव बढ़ेगा और न ही आंदोलन की जरूरत पड़ेगी। इससे आपसी भाईचारा और एकता मजबूत होगी।
बातचीत से समाधान की उम्मीद
परमहंस समाधि स्थल के प्रबंधक आचार्य नारायण मिश्रा ने मोहन भागवत के बयान को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि जैसे धारा 370 का शांतिपूर्ण समाधान हुआ, वैसे ही यह मुद्दा भी संवाद और बातचीत से सुलझ सकता है। उनका कहना था कि जो हिंदुओं का है वह हिंदुओं को और जो मुस्लिमों का है वह मुस्लिमों को मिलना चाहिए।
संतों का स्पष्ट संदेश
अयोध्या के संतों का कहना है कि हिंदू समाज अब जाग चुका है। काशी और मथुरा को लेकर समाधान न्यायिक प्रक्रिया से हो, यह सभी की इच्छा है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो आंदोलन भी होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत और सरकार इस मामले में न्यायसंगत रास्ता निकालेगी।