पयागपुर नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व सीएसची प्रभारी पर मुकदमा दर्ज,
जांच से बचने कि लिए बनवाया था फर्जी पर्चा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: बहराइच जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी ने पयागपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष बालेंदु श्रीवास्तव एवं पयागपुर सीएचसी के पूर्व अधीक्षक विकास सोनी के खिलाफ पयागपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि एक जांच के दौरान जब बालेंदु श्रीवास्तव को बयान देने के लिए शासन बुलाया गया था तो उन्होंने फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट बनवाकर शासन को भेज दिया और बीमारी का बहाना बनाकर बयान देने से बच गए। यह फर्जी सार्टिफिकेट डॉ विकास सोनी ने बनाया था। फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट की जांच शासन द्वारा कराई गई थी, जिसमें आरोप सही पाया गया है।
कई धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
बालेंदु श्रीवास्तव एवं डॉ विकास सोनी के खिलाफ बीएनएस की धारा 61, 319 (2), 338, 336 (3), 340 (2) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज किया गया है। दी गई तहरीर में सीएमओ बहराइच ने बताया कि नगर पंचायत अध्यक्ष बालेंदु श्रीवास्तव के विरुद्ध पूर्व में हुई शिकायत की जांच में दोषी पाए जाने पर नोटिस के जवाब से बचने के लिए नगर पंचायत के विकास कार्य को प्रभावित किए जाने के उद्देश्य से फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की शिकायत हुई थी।
जांच से बचने के लिए फर्जी बनवा लिया मेडिकल का पर्चा
दरअसल, शासन द्वारा प्रकरण की जांच कराई गई, जिसमें बालेंदु दोषी पाए गए हैं। बालेंदु द्वारा जवाब से बचने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर द्वारा एक पर्चा अपने नाम से बनवाकर एक महीने का कंपलीट बेड रेस्ट लिखवाया गया। प्रकरण की शिकायत मंडलायुक्त से होने पर जांच टीम गठित की गई थी, जिसमें यह पाया गया कि कंपलीट बेड रेस्ट वाला यह पर्चा फर्जी है। उधर, इस जालसाजी को अंजाम देने के लिए तत्कालीन सीएचसी प्रभारी विकास सोनी द्वारा एक रजिस्टर तैयार कराया गया, जिसपर बालेंदु श्रीवास्तव का नाम अंकित किया गया। ओपीडी पर्चा बालेंदु श्रीवास्तव को बचाने के लिए लगाया गया। जांच के दौरान पाया गया कि ओपीडी रजिस्टर के क्रमांक पर किसी अन्य महिला का नाम दर्ज है। इसी रजिस्टर के आधार पर डॉ विकास सोनी का भी दोष सामने आ गया।