बलिया: पिता की मौत का सदमा नहीं झेल पाए बेटा,
कुछ ही देर में दोनों की मौत से गांव में शोक
1 months ago
Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बरौली गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया। लंबे समय से बीमार चल रहे दूधनाथ की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। यह खबर सुनते ही उनके सबसे छोटे बेटे वीरेन्द्र को इतना गहरा सदमा लगा कि कुछ ही मिनटों में उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी भी मौत हो गई। पिता और बेटे की ऐसी दर्दनाक मौत से पूरे गांव में मातम फैल गया। दोनों का शनिवार को एक साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। गांव में हर कोई इस घटना को सुनकर स्तब्ध है।
लंबी बीमारी से जूझ रहे थे पिता दूधनाथ
गांव के लोगों के अनुसार 55 वर्षीय दूधनाथ पिछले दो साल से क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित थे। उनका इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा था। शुक्रवार शाम करीब 5 बजे उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि इसी बीच उन्होंने घर पर ही दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर ने परिवार को तोड़कर रख दिया।
पिता की मौत सुनते ही बेटे को आया हार्ट अटैक
दूधनाथ के सबसे छोटे बेटे 35 वर्षीय वीरेन्द्र उनसे बेहद जुड़े हुए थे। पिता के इलाज और देखभाल में वे हमेशा आगे रहते थे। जैसे ही उन्हें पिता की मौत की जानकारी मिली, वे जोर-जोर से रोने लगे और मानसिक रूप से टूट गए। इसी दौरान अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा और वे वहीं गिर पड़े। परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि तब तक उनकी भी सांसें थम चुकी थीं। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की।
गांव में छाया मातम, एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
बरौली गांव में बांसफोर समाज की संख्या अधिक है और दोनों की मौत से पूरे समाज में भी शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार को पिता और पुत्र का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। शवयात्रा में गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों के बीच बेहद गहरा लगाव था, इसलिए वीरेन्द्र अपने पिता की मौत का सदमा सहन नहीं कर पाए।