वाराणसी में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका खारिज,
भगवान राम को काल्पनिक कहने के विवादित बयान पर कोर्ट का फैसला
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Rahul Gandhi: वाराणसी की जिला और सत्र न्यायालय ने मंगलवार को राहुल गांधी के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में आरोप था कि राहुल गांधी ने भगवान राम को काल्पनिक और पौराणिक कहकर देश की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। याचिकाकर्ता ने यह दावा किया था कि राहुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी में दिए गए एक भाषण में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे।
कोर्ट ने याचिका को माना असंगत
याचिका की मेंटेनिबिलिटी पर बहस के बाद कोर्ट ने इसे सुनवाई के योग्य नहीं माना और खारिज कर दिया। राहुल गांधी की ओर से एडवोकेट अनुज यादव कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने 19 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो मंगलवार को सुनाया गया।
याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी पर लगाया राम द्रोही का आरोप
याचिकाकर्ता के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उन्होंने राम द्रोही होने का ठप्पा लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सरकार ने राम मंदिर का विरोध किया और विदेश में जाकर भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए। कोर्ट से मांग की गई कि राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
BJP का नजरिया नफरत फैलाने वाला
राहुल गांधी से पूछा गया कि हिंदू राष्ट्रवाद के दौर में धर्मनिरपेक्ष राजनीति कैसी होनी चाहिए? इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि बुद्ध, गुरु नानक, गांधी और अंबेडकर जैसे भारत के महान सुधारकों ने बिना भेदभाव के काम किया। उन्होंने भाजपा पर हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व न करके नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
नागरिकता रद्द करने की नई याचिका
दरअसल, 8 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है। कर्नाटक भाजपा सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने विदेशी नागरिकता और दस्तावेज रखकर भारतीय नागरिकता का उल्लंघन किया है।
पासपोर्ट एक्ट के तहत FIR दर्ज करने की मांग
याचिका में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी ने फर्जी जानकारी देकर भारतीय पासपोर्ट बनवाया है। इस आधार पर पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के तहत FIR दर्ज करने की मांग की गई है। गृह मंत्रालय ने तीन देशों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है, जो अंतिम निर्णय प्रक्रिया में है।