ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में वायरल वीडियो पर बवाल, एएसपी पर बदसलूकी का आरोप…
अगले ही दिन आया खंडन
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रविवार को हुई घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर एक बार फिर नया विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर परिसर से पुलिस और सेवायतों के बीच कथित तनातनी के दो वीडियो तेजी से वायरल हुए, जिनमें एएसपी अनुज चौधरी पर सेवायत गोस्वामी सोहित के साथ बदसलूकी का आरोप लगाया गया। इससे पहले कथावाचक मृदुल कांत शास्त्री ने भी पुलिस पर अभद्रता के आरोप लगाए थे। हालांकि सोमवार को इन दोनों ही मामलों पर खंडन जारी हुआ और पूरी घटना की वास्तविकता सामने आई।
पदयात्रा के दौरान पहली बार पुलिस पर अभद्रता का आरोप जानकारी के अनुसार, बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा रविवार को दिल्ली से वृंदावन होते हुए ठाकुर बांके बिहारी मंदिर पहुंची। मथुरा जिले में इस यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी एएसपी अनुज चौधरी को दी गई थी। आरोप है कि मंदिर की ओर जाते समय पुलिसकर्मियों ने ब्रजवासियों के साथ बदसलूकी की और कुछ लोगों के कपड़े तक फाड़ दिए। इस घटना का वीडियो कथावाचक मृदुल कांत शास्त्री ने साझा किया और पुलिस पर अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया।
मंदिर के अंदर सेवायत से दुर्व्यवहार का दूसरा वीडियो वायरल यात्रा जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, दूसरा वीडियो सामने आया। आरोप लगा कि जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वीआईपी गेट से प्रवेश कर रहे थे, तभी सेवायत गोस्वामी सोहित पूजा की थाल और माला लेकर अंदर जाने लगे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वायरल वीडियो में दावा किया गया कि एएसपी अनुज चौधरी ने सोहित का कॉलर पकड़कर उन्हें पीछे धकेला और बदसलूकी की। मंदिर के गोस्वामी हिमांशु ने कहा कि सेवायत के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है और इससे गोस्वामी समाज में आक्रोश है।
सोमवार को आया खंडन, पुलिस पर लगे आरोप बताए गए गलत सोमवार को मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी सेवायत से अभद्रता नहीं हुई। उनके मुताबिक, मंदिर में पहले से तय पांच लोगों की ही एंट्री की अनुमति थी, लेकिन कुछ बाहरी लोग और यूट्यूबर जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे। स्थिति बिगड़ने पर एएसपी ने भीड़ को नियंत्रित किया। दिनेश ने कहा कि वायरल वीडियो को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। कथावाचक मृदुल कांत शास्त्री ने भी सोमवार को अपना बयान बदलते हुए कहा कि यात्रा सफल रही, दर्शन सुचारू रूप से हुए और पुलिस प्रशासन ने पूरा सहयोग दिया। उन्होंने साफ किया कि यात्रा का उद्देश्य सनातनी हिंदुओं की एकता था।