बरेली में गरीबों के सिर से छिनने वाली है छत…
डेलापीर और शाहबाद मोहल्ले में नगर निगम की कार्रवाई से मचा हड़कंप
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में नगर निगम की कार्रवाई ने गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों की नींद उड़ा दी है। शहर के डेलापीर तालाब किनारे के 14 परिवारों और शाहबाद मोहल्ले के 27 परिवारों को अब अपना घर खाली करना होगा। निगम ने इन घरों को अवैध निर्माण बताते हुए 9 अक्टूबर को नोटिस जारी किया था। नोटिस में 15 दिन के भीतर घर खाली करने के निर्देश दिए गए थे, जिसकी अवधि 25 अक्टूबर को खत्म हो चुकी है। अब प्रशासन ने 7 दिन का और समय दिया है, जिसके बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
50 सालों से बसे लोग अब बेघर होने की कगार पर डेलापीर तालाब किनारे बसे इन घरों में रहने वाले लोग कहते हैं कि वे 50 से 60 सालों से यहां रह रहे हैं। किसी ने यहां बेटियों की शादी की, तो किसी के बच्चों का जन्म यहीं हुआ। अब उन्हें डर है कि उनका आशियाना टूट जाएगा। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों की आंखों में आंसू थे। एक 73 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा, हमने एक-एक पैसा जोड़कर घर बनाया था, बीजेपी को वोट दिया, फिर भी हमारी कोई नहीं सुन रहा। अब हम बूढ़े लोग कहां जाएंगे। यहां की कई महिलाएं दिनभर मजदूरी करके परिवार चलाती हैं। उन्होंने कहा कि “हमने अपनी मेहनत की पाई-पाई जोड़कर यह घर बनाया था, अब खुले आसमान के नीचे आ जाएंगे।”
छात्रा बोली – मेरा घर टूटा तो पढ़ाई खत्म हो जाएगी डेलापीर की रहने वाली आठवीं कक्षा की एक छात्रा ने रोते हुए कहा, अगर घर टूट गया तो मेरी पढ़ाई खत्म हो जाएगी। पापा किराए का खर्च नहीं उठा सकते। महिलाओं का भी यही कहना है कि हम जाएं तो जाएं कहां। लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि उन्हें रहने के लिए घर दिया जाए या मौजूदा घर न तोड़े जाएं। कई परिवारों ने अपने घर का सामान निकालकर सड़क पर रख दिया है।
शाहबाद मोहल्ले में भी कार्रवाई की तैयारी, लोग पहुंचे कोर्ट डेलापीर के बाद अब बरेली के शाहबाद मोहल्ले में भी 27 घरों को नोटिस थमाया गया है। यहां भी 25 अक्टूबर को नोटिस की अवधि समाप्त हो गई है, लेकिन 7 दिन की राहत दी गई है। लोगों ने इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है। कई घरों की दीवारों पर पीले रंग से केस फाइल लिखा गया है, ताकि निगम के अधिकारी देखें कि मामला अदालत में है।
PM आवास योजना का घर भी बुलडोजर की जद में हैरानी की बात यह है कि इस इलाके में बना एक प्रधानमंत्री आवास योजना का घर भी बुलडोजर की जद में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार गरीबों को घर देने की बात करती है, लेकिन अब उन्हीं गरीबों के घर गिराने की तैयारी कर रही है। प्रशासन का कहना है कि यह सरकारी जमीन पर बना निर्माण है, इसलिए कार्रवाई तय है। लोग अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके दर्द को सुनेंगे और उनके सिर से छत नहीं छिनने देंगे।