भदोही में बीजेपी नेता को फंसाने की साजिश बेनकाब,
हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग का था पूरा प्लान
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: भदोही जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक ऐसी साजिश का खुलासा किया है, जिसमें भाजपा नेता और शासकीय अधिवक्ता को झूठे गैंगरेप केस में फंसाने की कोशिश की गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। गिरफ्तार लोगों में अयोध्या की एक महिला भी शामिल है, जिसने भाजपा नेता वीरेंद्र शुक्ला और अधिवक्ता प्रवेश त्रिपाठी के खिलाफ झूठी तहरीर दी थी। पुलिस की गहन जांच के बाद यह पूरा षड्यंत्र बेनकाब हो गया।
भाजपा नेता को फंसाने की साजिश रची गई थी
एसपी अभिमन्यु मांगलिक ने प्रेसवार्ता में बताया कि यह मामला पूरी तरह सुनियोजित साजिश थी। जांच से पता चला कि भाजपा नेता वीरेंद्र शुक्ला को फंसाने की योजना उनके ही सगे भाई अशोक शुक्ला और भतीजे कैलाशपति शुक्ला ने बनाई थी। इस साजिश में उनका सहयोगी सुशील दुबे भी शामिल था। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने अयोध्या की महिला सुमन पांडेय से जबरन झूठी शिकायत लिखवाई और उसे हथियार की तरह इस्तेमाल किया।
पैसों की वसूली और प्रॉपर्टी विवाद के कारण रचा षड्यंत्र
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि इस पूरे षड्यंत्र के पीछे दो बड़े कारण थे। पहला, भाजपा नेता से हनी ट्रैप के जरिए पैसे ऐंठना और दूसरा, अशोक शुक्ला के खिलाफ चल रहे प्रॉपर्टी विवादित मुकदमों को निपटवाने के लिए दबाव बनाना। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पेशेवर तरीके से लोगों को झूठे केसों में फंसाकर उनसे अवैध वसूली करता था।
महिला की धमकी और ऑडियो वायरल करने की कोशिश
जांच में यह भी पता चला कि महिला सुमन पांडेय लगातार फोन कर धमकियां देती थी। वहीं, गिरोह के अन्य सदस्यों ने एक पुराना अश्लील ऑडियो वायरल कर दबाव बनाने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस की गहराई से की गई जांच के बाद साफ हो गया कि यह सब भाजपा नेता और अधिवक्ता को झूठे केस में फंसाने की चाल थी।
तीन गिरफ्तार, एक आरोपी अब भी फरार
पुलिस ने षड्यंत्रकारी अशोक शुक्ला, उसके सहयोगी सुशील दुबे और महिला सुमन पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, कैलाशपति शुक्ला फरार बताया जा रहा है। चारों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया
एसपी अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जिसमें निर्दोष लोगों को झूठे केस में फंसाने की कोशिश की गई। ऐसे मामलों में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस फरार आरोपी की तलाश में लगातार दबिश दे रही है।