भिंड में मतदाता सूची पुनरीक्षण ड्यूटी के दौरान शिक्षक की हालत बिगड़ी,
हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती
1 months ago Written By: Aniket prajapati
भिंड शहर में चल रहे मतदाता सूची के पुनः परीक्षण अभियान के दौरान एक शिक्षक की हालत बिगड़ने का गंभीर मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, शिक्षक रविंद्र शाक्य, जो लंबे समय से हार्ट की बीमारी से पीड़ित हैं, बुधवार की सुबह ड्यूटी पर जाते समय अचानक सड़क पर गिर पड़े। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की पुष्टि की। शहर में इस समय युद्धस्तर पर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य चल रहा है और कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
बीमारी के बावजूद लगाई गई कड़ी ड्यूटी रविंद्र शाक्य महावीर गंज के रहने वाले हैं और कटरा मोहल्ला स्थित मध्यवर्ती विद्यालय में पदस्थ हैं। उन्हें मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए विक्रमपुरा वार्ड क्रमांक 10 में BLO के रूप में तैनात किया गया था। जबकि वे खुद वार्ड 31 में रहते हैं और लंबे समय से हार्ट की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका इलाज दिल्ली के AIIMS में चल रहा है। शाक्य ने अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति अधिकारियों को पहले ही बता दी थी। उनका कहना था कि उन्हें चक्कर आते हैं और डॉक्टरों ने मानसिक व शारीरिक दबाव से दूर रहने की सलाह दी है, लेकिन अधिकारियों ने इस चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर दिया। शिकायत है कि अधिकारियों ने उनकी बीमारी को “बहाना” बताते हुए रोज सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक काम कराया।
पत्नी ने लगाया दबाव बनाने का आरोप शिक्षक की पत्नी ने बताया कि उनके पति पर लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने बताया“हमने बार-बार बीमारी की जानकारी दी, लेकिन कोई रियायत नहीं मिली। उल्टा सस्पेंड करने की धमकी देकर उनसे कड़ा काम कराया जा रहा था।”इसी तनाव के बीच बुधवार सुबह ड्यूटी के लिए जाते समय उनकी हालत बिगड़ गई और वे सड़क पर गिर पड़े।
जिले में पहले भी हो चुकी हैं मौतें मध्य प्रदेश में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान यह पहला मामला नहीं है। हाल ही में शहडोल जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) एक्सरसाइज में शामिल पांचवें BLO, असिस्टेंट टीचर मणिराम नापित की भी घर जाते समय मौत हो गई थी। वे कई दिनों से बीमार थे और लगातार दबाव में काम कर रहे थे। शुरुआती जांच के अनुसार उनकी भी मौत हार्ट अटैक से हुई थी।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल लगातार हो रही इन घटनाओं ने मैदान में काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्मचारियों पर काम का बढ़ता बोझ और लंबी-लंबी ड्यूटी ने तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। स्थानीय संगठन अब सुरक्षित कार्य-प्रणाली और उचित व्यवस्था की मांग उठा रहे हैं।