बिहार चुनाव 2025 : एनडीए ने तय किया सीएम चेहरा,
सम्राट चौधरी बोले “नीतीश ही रहेंगे मुख्यमंत्री”
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
बिहार की राजनीति एक बार फिर चरम पर है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सियासी पारा बढ़ गया है। जहां महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को पहले ही अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है, वहीं एनडीए की तरफ से लंबे समय से यह सवाल अधर में लटका हुआ था कि उनका सीएम चेहरा कौन होगा। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर एनडीए की सरकार बनी, तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
महागठबंधन का दबाव, भाजपा पर उठे सवाल चुनावी माहौल गरमाते ही विपक्ष ने भाजपा और जेडीयू को घेरने की कोशिश तेज कर दी थी। हर चुनावी सभा में महागठबंधन के नेता यह सवाल पूछ रहे थे कि एनडीए का सीएम चेहरा कौन है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान ने भी स्थिति को और उलझा दिया था। उन्होंने कहा था कि “चुनाव के बाद विधायक तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा।” विपक्ष ने इसी बयान को पकड़कर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा खुद ही नीतीश कुमार को लेकर संशय में है।
सम्राट चौधरी का बड़ा ऐलान "नीतीश जी ही रहेंगे सीएम" अब भाजपा के बड़े नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस बहस पर पूर्णविराम लगा दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारे यहां कोई वैकेंसी नहीं है। नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे।” सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए पूरी मजबूती के साथ चुनाव में उतर रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही भाजपा और उसके सहयोगी दलों का संयुक्त घोषणापत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम बिहार के विकास के लिए पिछले अधूरे वादों को पूरा करेंगे। अगले पांच साल में 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने की योजना है। इसके लिए हमने अब तक 7,282 एकड़ जमीन आरक्षित कर ली है, 14,000 एकड़ खरीदी भी जा चुकी है और हमारा लक्ष्य 50,000 एकड़ का लैंड बैंक तैयार करने का है।”
“नीतीश ही एनडीए की पहचान हैं” सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा और जेडीयू के बीच आपसी समझ और भरोसा पहले की तरह मजबूत है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ही अक्टूबर 2005 में नीतीश कुमार को पहली बार मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उन्होंने कहा, “नीतीश जी की विचारधारा भले कुछ मामलों में अलग हो, लेकिन वे एनडीए के सभी सहयोगी दलों के लिए स्वीकार्य हैं। उन्होंने बिहार में विकास और सुशासन की जो छवि बनाई है, वही एनडीए की पहचान बन गई है।”
भाजपा-जेडीयू रिश्ते पर सम्राट चौधरी का जवाब भाजपा और जेडीयू के बीच समय-समय पर मतभेदों की खबरें आती रही हैं। इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक अफवाहें हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 29 सालों से भाजपा के साथ हैं, बस बीच में कुछ समय के लिए ही अलग हुए थे। उन्होंने याद दिलाया कि 1990 में जब जनता दल की सरकार बनी थी, तब भाजपा ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों को समर्थन दिया था। बाद में लालू यादव ने छह महीने में ही समर्थन छोड़ दिया, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ नहीं छोड़ा। सम्राट चौधरी ने कहा, “नीतीश जी भरोसे और स्थिरता का प्रतीक हैं, और एनडीए उन्हें ही आगे बढ़ाने वाला है।”
जेडीयू ने भी दी सफाई एनडीए में सब कुछ ठीक उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बयान के बाद जेडीयू की तरफ से भी स्थिति पूरी तरह साफ कर दी गई है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार हमारे सर्वमान्य नेता हैं। भाजपा और जेडीयू के बीच कोई खटास नहीं है, बल्कि तालमेल पहले से बेहतर है।”
तेजस्वी बनाम नीतीश, साफ हुई लड़ाई की रेखा अब यह लगभग तय हो गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में मुकाबला तेजस्वी यादव बनाम नीतीश कुमार के बीच होगा। महागठबंधन जहां युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दे पर जनता को लुभाने की कोशिश कर रहा है, वहीं एनडीए ‘विकास, स्थिरता और सुशासन’ को अपना नारा बना रहा है। सम्राट चौधरी के बयान ने विपक्ष के उठाए सवालों को सीधा जवाब दे दिया है। अब चुनावी जंग में एनडीए यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि नीतीश ही भरोसेमंद चेहरा हैं, जो बिहार को आगे बढ़ा सकते हैं।