बिजनौर: टॉफी गले में फंसने से घर से अस्पताल भेजे जा रहे बच्चे की रास्ते में मौत,
परिवार शोक में
3 days ago
Written By: Aniket Prajapati
बिजनौर के नहटौर में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है जहाँ घर में टॉफी खाने के दौरान गले में फंसने से एक छोटा बच्चा अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ गया। परिजन बताते हैं कि बच्चे सैफ ने बाजार से लाई गई टॉफी खाने की जिद की थी। अचानक जोर-जोर से खाँसने और सांस फूलने पर परिजन उसे तुरन्त नजदीकी सीएचसी नहटौर ले गए, लेकिन रास्ते में ही उसकी हालत और बिगड़ गई और चिकित्सकों ने डिटेल जांच के बाद बताया कि बच्चा अस्पताल पहुंचने से पहले ही दर्दनाक रूप से मृत पाया गया। प्राथमिक अनुमान के अनुसार टॉफी श्वासनली में फंसने से दम घुटने की आशंका जताई जा रही है।
हादसा कैसे हुआ
परिवार के मुताबिक सैफ घर के आंगन में खेलते हुए टॉफी खा रहा था। अचानक वह जोर-जोर से खांसने लगा और उसकी सांसें फूलने लगीं। परिजन पहले यही समझे कि साधारण खाँसी है, लेकिन कुछ ही पलों में हालत बिगड़ने पर उन्हें अंदेशा हुआ कि टॉफी गले में फंस गई है। आनन-फानन में बच्चे को गोद में उठाकर सीएचसी नहटौर के लिए दौड़ाया गया, पर रास्ते में ही उसकी जान चली गई।
चिकित्सकीय टिप्पणी और पोस्टमार्टम की संभावना
सीएचसी नहटौर के चिकित्सा प्रभारी डॉ. आशीष आर्य ने प्राथमिक जांच के आधार पर कहा कि श्वासनली में किसी ठोस वस्तु के फंसने से दम घुटने की आशंका जाहिर की जा रही है। उन्होंने बताया कि बच्चे को पहुंचते वक्त चिकित्सकीय मदद तो दी गई, पर स्थिति गंभीर थी। पोस्टमार्टम और आगे की कानूनी-पड़ताल के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
परिजन और सामाजिक परिस्थितियाँ
सैफ के पिता शमशाद अहमद गांव-गांव दाल बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। कुछ समय पहले वे रोजगार के सिलसिले में गोहावार से चक गोवर्धन आकर बसने की कोशिश कर रहे थे। सैफ उनकी एकमात्र खुशी था और उसकी अचानक मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। गांव में लोग दुख की इस घड़ी में परिजन के साथ खड़े हैं। डॉक्टरी और स्थानीय लोग अभिभावकों से अपील कर रहे हैं कि छोटे बच्चों को कठोर टॉफी या छोटे आकार की खाद्य वस्तुएँ बिना निगरानी के न दी जाएँ, और आहार के दौरान बच्चों पर नजर रखें ताकि ऐसे दर्दनाक हादसे रोके जा सकें।