2024-25 में बीजेपी का फंडिंग दबदबा:
टाटा समूह के ट्रस्ट से मिला 757 करोड़
7 days ago Written By: Aniket Prajapati
टाटा समूह के नियंत्रण वाले प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) के जरिए 2024-25 में राजनीतिक चंदे का बड़ा हिस्सा बीजेपी को मिला। चुनाव आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 915 करोड़ रुपये में से लगभग 83% रकम बीजेपी को गई, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 8.4% हिस्सा मिला। यह आंकड़ा यह भी दिखाता है कि फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म करने के बाद भी बीजेपी की फंडिंग पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा।
बीजेपी को सबसे ज्यादा फंडिंग बीजेपी को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से 757.6 करोड़ रुपये, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 150 करोड़, हार्मनी ट्रस्ट से 30.1 करोड़, ट्रॉयम्फ ट्रस्ट से 21 करोड़, जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख और आइंजिगार्टिग ट्रस्ट से 7.75 लाख रुपये मिले। 2018-19 में भी लोकसभा चुनाव के दौरान यही ट्रस्ट बीजेपी को सबसे ज्यादा फंड देता रहा था पिछले वर्षों में ट्रस्टों और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को कुल 2,400 करोड़ रुपये से अधिक रकम मिल चुकी है।
कांग्रेस को मिली रकम में भारी गिरावट कांग्रेस को प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से इस साल 77.3 करोड़, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 5 करोड़ और जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख रुपये मिले। इसके अलावा प्रूडेंट ट्रस्ट ने कांग्रेस को 216.33 करोड़ और AB जनरल ट्रस्ट ने 15 करोड़ दिए। हालांकि, यह रकम 2023-24 में बॉन्ड से मिले 828 करोड़ की तुलना में काफी कम है।
क्षेत्रीय दलों को फंडिंग में कमी इस साल प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, बीजद, भारत राष्ट्र समिति, जेडीयू, डीएमके और एलजेपी-रामविलास को भी लगभग 10-10 करोड़ रुपये दिए। पिछले साल की तुलना में कई क्षेत्रीय पार्टियों की फंडिंग में गिरावट दर्ज की गई। टीएमसी, बीजद और बीआरएस की आय में सबसे ज्यादा कमी आई।
कौन सी कंपनियों ने दिया दान टाटा समूह की टाटा संस, टीसीएस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा एलक्सी और टाटा ऑटो-कॉम्प जैसी कंपनियों ने प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट को भारी दान दिया। महिंद्रा समूह समर्थित न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट ने भी अपनी कुल राशि का बड़ा हिस्सा बीजेपी को दिया। अन्य ट्रस्टों जैसे ट्रॉयम्फ, हार्मनी और जन प्रगति ने भी बीजेपी और कुछ क्षेत्रीय दलों को चंदा दिया।