साइबर ठगी का नया हथकंडा: “हैलो मैं सीबीआई अफसर बोल रहा हूं”
कानपुर के रिटायर्ड इंजीनियर से मिट्टी में मिल गई बचत
1 months ago Written By: संदीप शुक्ला
उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर राजेन्द्र प्रसाद से ठगों ने फ़ोन और वीडियो कॉल के जरिए मोटी रकम ऐंठ ली। आरोप है कि फोन करने वालों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग कर मुंबई में फर्जी बैंक खाता खुलवाया गया है और वह मनी-लांड्रिंग से जुड़ा हुआ पाया गया है। डराकर और व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर दबाव बनाकर आरोपी कई किस्तों में पैसे ट्रांसफर करवा ले गए। उन्होंने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
कैसे हुई ठगी राजेन्द्र ने पुलिस को बताया कि 7 अगस्त की अनजान वीडियो कॉल में कॉल करने वाले ने अपनी आईडी सीबीआई अफसर बताई। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र के आधार से मुंबई में खाता खुला है और उस खाते से गड़बड़ियां हो रही हैं। आगे आरोपियों ने कहा कि मामले में फंसने से बचने के लिए उन्हें निर्देशानुसार पैसे ट्रांसफर करना होगा। डरकर और लगातार आरोपियों के दबाव में आकर पीड़ित ने कई किस्तों में बैंक और डिजिटल वॉलेट के जरिए रकम भेज दी। रकम ऐंठने के बाद कॉल बंद कर दी गई।
जालसाज़ों की तरकीबें पुलिस और साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक यह गिरोह अक्सर तीन-चार तरीके अपनाता है (1) व्हाट्सएप/वीडियो कॉल कर खुद को अधिकारी बताना, (2) आधार/बैंक का गलत इस्तेमाल होने की जानकारी देकर डराना, (3) तुरंत पैसे ट्रांसफर करवाना और (4) OTP/UPI PIN या बैंक डिटेल मांगना। कई बार अपराधी खुद को थाने या सिक्योरिटी एजेंसी का अफसर बताकर स्थितियों को और भयावह दिखाते हैं।
शिकायत, जांच और चेतावनी राजेन्द्र ने कानपुर पुलिस को तहरीर दी है; मामला दर्ज कर आगे की जांच चल रही है। पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि अनजान कॉल पर भरोसा न करें और असली अफसर कभी व्यक्तिगत कॉल पर पैसे नहीं मांगते। बिहार समेत देश भर से ऐसे मामलों की लगातार खबरें आ रही हैं।
कैसे बचें — सरल सावधानियाँ
अनजान नंबर से आई कॉल/वीडियो पर कभी व्यक्तिगत बैंक डिटेल, OTP या PIN न दें।
सरकारी अधिकारी की सत्यापित जानकारी के लिए आधिकारिक हेल्पलाइन पर स्वयं कॉल करें।
किसी भी दबाव में तुरंत पैसे ट्रांसफर न करें; बैंक को सूचित करें।
व्हाट्सएप पर संदिग्ध नंबर ब्लॉक व रिपोर्ट करें और स्थानीय साइबर सेल/पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।