सीरियल किलर मोनू को एमबीए छात्रा के रेप और मर्डर के मामले में उम्रकैद,
डीएनए ने सुलझाया 15 साल पुराना रहस्य
1 months ago Written By: Aniket prajapati
चंडीगढ़ में 30 जुलाई 2010 को 21 वर्षीय एमबीए छात्रा नेहा अहलावत अपने घर सेक्टर 38 वेस्ट से क्लास के लिए निकली, लेकिन वह घर वापस नहीं लौटी। उसी रात भारी बारिश के बीच उसका अर्धनग्न, खून से सना शव टैक्सी स्टैंड के पास झाड़ियों में पाया गया। शव पर गला घोंटने और चोटों के निशान थे। बाद में सीएफएसएल ने उसके कपड़ों पर मिले वीर्य के नमूनों से रेप की पुष्टि की। इस केस में सुराग नहीं मिलने के कारण इसे 2020 में अनसुलझा मानकर बंद कर दिया गया।
एक ही पैटर्न में हत्याओं का सिलसिला इस घटना के बाद चंडीगढ़ के जंगलनुमा क्षेत्रों में इसी तरह की दो और घटनाएं हुईं। मोनू ने अकेली महिलाओं को निशाना बनाया, बारिश का फायदा उठाकर उन्हें सुनसान जगह पर ले जाकर हमला किया, गला घोंटा और शव झाड़ियों में फेंक दिया। तीनों मामलों में डीएनए से पता चला कि यह हत्याएं एक ही व्यक्ति ने की थीं।
स्पर्म डीएनए ने खोली हत्या की गुत्थी मोनू ने 2008 में हिमाचल के चंबा में 20 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की थी। बाद में 2010 में नेहा अहलावत और 2022 में मलोया की विवाहिता के साथ इसी तरह की वारदात की। फरवरी 2024 में 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ भी दुष्कर्म का प्रयास किया गया। महिला के कपड़ों पर मिला सीमन मोनू के डीएनए से मैच हुआ।
गिरफ्तारी और कबूलनामा 6 मई 2024 को मोनू कुमार को पकड़ लिया गया। पहले उसने सब कुछ नकारा, लेकिन जब पुलिस ने डीएनए के सबूत दिखाए, तो उसने तीनों हत्याओं की बात स्वीकार की। मोबाइल लोकेशन ने भी उसे घटनास्थल पर साबित किया।
अदालत ने सुनाई सजा फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मोनू कुमार को एमबीए छात्रा के रेप और मर्डर के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही 50-50 हजार रुपये का अलग-अलग धाराओं में जुर्माना लगाया गया। मोनू पर कई अन्य वारदातों के भी आरोप हैं और अन्य मामलों की सुनवाई अदालत में जारी है।