चंद्रशेखर आजाद पर फिर विवाद,
पूर्व गर्लफ्रेंड ने जारी किया नया ऑडियो; BJP समर्थन का दावा
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद एक बार फिर बड़े विवाद में घिर गए हैं। स्विट्जरलैंड में रह रहीं पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी, जो खुद को उनकी पूर्व गर्लफ्रेंड बताती हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक नया ऑडियो जारी किया है। इस ऑडियो में कथित तौर पर चंद्रशेखर की आवाज सुनाई देती है, जिसमें वे आगामी चुनावों में बीजेपी का साथ देने और सपा-कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात करते सुनाई दे रहे हैं। यह मामला अब राजनीतिक हलकों में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
ऑडियो में क्या दावा किया गया है रोहिणी घावरी ने 30 सेकंड का यह ऑडियो साझा करते हुए लिखा कि चंद्रशेखर बीजेपी के इशारों पर काम करते हैं। उन्होंने दावा किया कि चंद्रशेखर कह रहे हैं, “भाजपा ने ही मुझे सांसद बनाया… भाजपा का साथ दूंगा… सपा की खाल उतार दूंगा।” रोहिणी का कहना है कि यह रिकॉर्डिंग उनकी पुरानी निजी वॉयस कॉल का हिस्सा है, जिसे उन्होंने पहले ही रिकॉर्ड किया था। उन्होंने इसे दलित आंदोलन के नाम पर “बड़ी साजिश” बताया।
चंद्रशेखर ने आरोपों को खारिज किया यह विवाद नया नहीं है। जून 2025 से रोहिणी घावरी लगातार चंद्रशेखर पर निजी और राजनीतिक आरोप लगाती रही हैं। उन्होंने उन पर शादी का झांसा देकर शोषण करने, कई महिलाओं से धोखा करने और बीजेपी के लिए दलित-मुस्लिम एकता कमजोर करने के आरोप लगाए थे। अक्टूबर 2025 में जारी एक अन्य ऑडियो में चंद्रशेखर कथित रूप से बसपा सुप्रीमो मायावती और कांशीराम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते सुनाई देते थे। उस समय चंद्रशेखर ने इसे AI-generated बताया था और रोहिणी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। नए ऑडियो पर भी उन्होंने इसे फर्जी और साजिश बताया है।
राजनीतिक हलकों में हलचल, सवाल तेज इस नए ऑडियो ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसे “बीजेपी की साजिश” बताया है, जबकि सपा-कांग्रेस इसे चंद्रशेखर और बीजेपी की “गुप्त सांठगांठ” का सबूत मान रहे हैं।सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अगर यह ऑडियो सच है, तो यह दलित वोट बैंक को बीजेपी को सौंपने की कोशिश है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले यह बड़ा झटका होगा।”
आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं मुश्किलें अब नजर इस बात पर है कि जांच, सियासी प्रतिक्रियाएं और कानूनी कार्रवाई आगे किस दिशा में जाती हैं। फिलहाल यह विवाद 2027 चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक तूफान बनकर उभर रहा है।