छठ पूजा में इन 9 फलों का है खास महत्व,
बिना इनके अधूरी मानी जाती है छठ मैया की आराधना
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Chhath Puja: सूर्य उपासना और मातृत्व शक्ति के सम्मान का पर्व छठ पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है। शनिवार को नहाय-खाय की रस्म पूरी हो चुकी है, आज खरना का दिन है। कल यानी रविवार को डूबते सूर्य को और परसों सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रत को सबसे कठिन और पवित्र व्रतों में से एक माना जाता है, जिसमें व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं। इस पर्व में पूजा के लिए चढ़ाए जाने वाले फल और प्रसाद का विशेष महत्व होता है।
छठ मैया को प्रिय फलों का महत्व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ विशेष फल ऐसे हैं जिन्हें छठ मैया का प्रिय माना गया है। इन फलों के बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है। ये फल न केवल प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं, बल्कि समृद्धि, दीर्घायु और मानसिक शांति का आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं।
सुथनी और सुपारी – शुभता और स्थिरता का प्रतीक छठ पूजा में सुथनी को सबसे पवित्र फल माना गया है। कहा जाता है कि इसे चढ़ाने से व्रती को दीर्घायु और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। वहीं सुपारी हर शुभ कार्य की तरह छठ में भी उपयोग की जाती है। यह मंगल और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है, जिससे परिवार में सौहार्द और शुभता बनी रहती है।
मिश्रीकंद, शकरकंद और सिंघाड़ा का धार्मिक महत्व मिश्रीकंद अपने मीठे स्वाद और पौष्टिक गुणों के कारण पूजा में शामिल किया जाता है। यह जीवन में मधुरता और सकारात्मकता का प्रतीक है। शकरकंद, जिसे बिहार में अल्हुआ कहा जाता है, सूर्य देव को प्रसन्न करता है और घर में स्वास्थ्य व समृद्धि लाता है। वहीं सिंघाड़ा, जो जल में उगने वाला फल है, ऊर्जा और ताजगी का प्रतीक माना गया है। इसे छठ पूजा की टोकरी में रखना शुभ माना जाता है।
नारियल, केला, गन्ना और डाभ नींबू – पूर्णता के प्रतीक छठ पूजा में नारियल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और घर में धन-धान्य बढ़ता है। केला भगवान विष्णु का प्रिय फल माना गया है और इसे चढ़ाने से संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। गन्ना छठ महापर्व का अभिन्न हिस्सा है। इससे मंडप बनाया जाता है और कोसी भरने की रस्म निभाई जाती है। यह सुख और शांति का प्रतीक है। वहीं डाभ नींबू को छठ मैया का सबसे प्रिय फल माना गया है, जिसे “सत्य फल” कहा गया है। इसे चढ़ाने से पूजा पूर्ण मानी जाती है।