अगर चित्रकूट जाने का प्लान है, तो इन 5 जगहों को मिस नहीं करना,
वरना अधूरी रह जाएगी यात्रा
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: भारत में ऐसे कई स्थल हैं जो श्रद्धा और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा संगम माने जाते हैं। इन्हीं में से एक है चित्रकूट धाम, जो विंध्य पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा है और मंदाकिनी नदी इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ाती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास काल का कुछ समय यहीं बिताया था, इसी कारण यह स्थान हिंदू आस्था में अत्यंत पवित्र माना जाता है। चित्रकूट न सिर्फ श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव कराता है बल्कि प्रकृति प्रेमियों को भी गहरी शांति और सुकून प्रदान करता है।
रामघाट: मंदाकिनी किनारे का पावन स्थल चित्रकूट की यात्रा की शुरुआत रामघाट से करना सबसे बेहतर माना जाता है। मंदाकिनी नदी के किनारे बसा यह घाट अपनी खूबसूरती और शांति के लिए मशहूर है। मान्यता है कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण यहां स्नान किया करते थे। शाम के समय होने वाली दीप आरती का दृश्य अद्भुत होता है। जलते दीप, मंत्रोच्चार और भजन की धुन माहौल को आध्यात्मिक बना देते हैं।
गुप्त गोदावरी: रहस्य और आस्था का संगम रामघाट के बाद अगला आकर्षण है गुप्त गोदावरी, जो चित्रकूट से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां दो प्राकृतिक गुफाएं हैं। खास बात यह है कि एक गुफा में लगातार पानी बहता रहता है, लेकिन आज तक कोई यह नहीं जान सका कि यह पानी कहां से आता है। गुफा के अंदर का ठंडा वातावरण और रहस्यपूर्ण नजारा हर किसी को बार-बार खींच लाता है।
हनुमान धारा: रोमांच और भक्ति का अनुभव जो लोग ऊंचाई और रोमांच पसंद करते हैं, उनके लिए हनुमान धारा विशेष स्थान है। यह एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर है, जहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मान्यता है कि यहां भगवान हनुमान ने लंका दहन के बाद अपनी पूंछ की आग बुझाई थी। ऊपर से दिखाई देने वाला दृश्य बेहद आकर्षक है और सारी थकान दूर कर देता है।
सती अनुसुइया मंदिर: तप और भक्ति की धरती चित्रकूट की यात्रा अधूरी है अगर आप सती अनुसुइया मंदिर न देखें। यह स्थान ऋषि अत्रि और माता अनुसुइया की तपोभूमि है। घने जंगलों के बीच बसा यह स्थल गहरी शांति और भक्ति का अनुभव कराता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देती है।
अन्य दर्शनीय स्थल चित्रकूट में और भी कई पावन स्थान हैं। स्फटिक शिला, जहां भगवान राम और सीता माता ने विश्राम किया था, बेहद प्रसिद्ध है। इसके अलावा कामदगिरि पर्वत, भरत मिलाप मंदिर, भरत कूप, गणेश बाग और जानकी कुंड भी अवश्य घूमने चाहिए। मंदाकिनी नदी में स्नान का अलग ही आनंद है, जो आपकी यात्रा को यादगार बना देता है।