यूपी का एक ऐसा स्कूल जहां दो साल से बिना टीचर चल रही कक्षाएं,
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रैपुरा गांव स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल जूनियर हाईस्कूल में पिछले दो साल से एक भी शिक्षक नहीं है। इस गंभीर स्थिति को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराना मौलिक अधिकार है। इसके बावजूद विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई शिक्षक के बिना ठप पड़ी हुई है।
चपरासी के भरोसे चल रहा स्कूल रैपुरा गांव निवासी राहुल सिंह पटेल ने जनहित याचिका दायर कर इस स्थिति को उजागर किया। याचिका में बताया गया कि मानिकपुर तहसील का यह विद्यालय राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त एडेड स्कूल है, जिसमें शिक्षकों के 9 पद स्वीकृत हैं। लेकिन दो साल से एक भी शिक्षक तैनात नहीं है। स्कूल की स्थिति इतनी खराब है कि यहां पढ़ाई का जिम्मा एकमात्र चपरासी रामभवन के कंधों पर है। विद्यालय में चपरासी के तीन पद हैं, जिनमें से दो खाली हैं और केवल एक ही कर्मचारी कार्यरत है। शैक्षिक सत्र 2025-26 में स्कूल में कुल 141 बच्चों का दाखिला हुआ है। इनमें कक्षा 6 में 35, कक्षा 7 में 46 और कक्षा 8 में 65 छात्र-छात्राएं हैं। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ जैसी इस स्थिति ने पूरे इलाके को चिंतित कर दिया है।
कोर्ट ने जताई नाराजगी, मांगा जवाब मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को 27 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे पर पहले 11 अगस्त 2025 को चित्रकूट के डीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था। इसके अलावा आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम) पर भी शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो अधिवक्ता जगदीश सिंह बुंदेला के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।