दिल्ली ब्लास्ट केस: आरोपी उमर को लेकर बड़ा खुलासा,
बुरहान वानी और जाकिर मूसा जैसा बनना चाहता था
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्य आरोपी उमर जम्मू-कश्मीर के कुख्यात आतंकियों बुरहान वानी और जाकिर मूसा की तरह बनना चाहता था। जांच से पता चला है कि फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में पकड़े गए सभी आरोपी अल-कायदा की विचारधारा से प्रभावित थे, लेकिन उमर को ISIS और जैश की सोच ज्यादा पसंद थी। इससे सुरक्षा एजेंसियों को मॉड्यूल के अंदर गहरे वैचारिक मतभेदों का भी पता चला है। यह खुलासा दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच को नई दिशा दे सकता है।
उमर का लक्ष्य था टॉप आतंकी बनना सूत्रों का कहना है कि उमर की इच्छा थी कि वह कश्मीर में बुरहान वानी और जाकिर मूसा की जगह ले। दोनों आतंकी पहले ही बड़े नेटवर्क और फॉलोइंग के लिए कुख्यात रहे हैं। इसी वजह से उमर खुद को इसी रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहता था और इंटरनेट से बम बनाने का प्रशिक्षण ले रहा था।
टेरर मॉड्यूल के अंदर था बड़ा विवाद फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सदस्यों के बीच काफी विवाद भी रहता था। जानकारी के मुताबिक, उमर आतंकी अदील की शादी में भी शामिल नहीं हुआ। मॉड्यूल के सभी सदस्य अदील को अपना “अमीर” यानी लीडर मानते थे। इस फैसले से उमर खुश नहीं था और इसी को लेकर झगड़े बढ़ गए।
हाशिम था उमर का हैंडलर जांच में पता चला है कि उमर का हैंडलर हाशिम था, जबकि मॉड्यूल के दूसरे सदस्य मुजम्मिल का हैंडलर मंसूर था। दोनों ही इब्राहिम नाम के व्यक्ति के अंडर काम कर रहे थे। मुजम्मिल ने 6.5 लाख रुपये में एक AK-47 भी खरीदी थी, जो बाद में अदील के लॉकर से मिली।
ऑनलाइन सीखता था बम बनाना, नूंह और फरीदाबाद से खरीदता था सामान जांच एजेंसियों के अनुसार, उमर इंटरनेट पर बम बनाने के वीडियो देखता था और उनसे जुड़े दस्तावेज पढ़ता था। वह विस्फोटक सामग्री नूंह से खरीदता था, जबकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फरीदाबाद की एनआईटी मार्केट और भागीरथ पैलेस से लाता था। मुजम्मिल और उमर के बीच यूनिवर्सिटी में पैसे को लेकर बड़ा झगड़ा हुआ था, जिसे कई लोगों ने देखा। झगड़े के बाद उमर ने अपनी लाल इको कार, जिसमें विस्फोटक रखे थे, मुजम्मिल को दे दी थी।
डीप फ्रीजर में बना रहा था केमिकल बम उमर ने विस्फोटक सुरक्षित रखने के लिए एक डीप फ्रीजर तक खरीदा था। वह उसमें रसायनों को जमा कर केमिकल बम बना रहा था। जांच से पता चला कि उनकी योजना कई जगहों पर एक साथ विस्फोट करने की थी। यही कारण है कि एजेंसियां इसे बड़ा आतंकी षड्यंत्र मान रही हैं।