विदेशियों की प्राइवेट जानकारी बेचने वाला गिरोह धर दबोचा गया,
मास्टरमाइंड मनीष की लग्जरी लाइफ का पर्दाफाश
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: दिल्ली के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में ऑर्बिट प्लाजा के पांचवे फ्लोर पर 7 साल से चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ कर 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर "यूनिहेल्थ केयर सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड" के नाम से चलाया जा रहा था, जो सॉफ्टवेयर डेवलपर और गेमिंग ऐप के नाम पर रजिस्टर्ड था। पुलिस ने बताया कि गिरोह विदेशी नागरिकों से संपर्क कर हेल्थकेयर कंपनियों के नाम पर फर्जी ऑफर देता और उनकी प्रोफाइल बनाकर विदेशों में बेचता था। मास्टरमाइंड मनीष उर्फ मोनू के नेतृत्व में यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था।
गिरफ्तार आरोपियों और मनीष की पहचान एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में मनीष उर्फ मोनू, अजय कुमार यादव, शिवम त्यागी, रजनीश, सूजल त्यागी, राकेश मार्गे, मोहित, संजीव यादव, प्रकाश सिंह नेगी, हिमांशु कौशिक और अंकुर शामिल हैं। गिरोह का सरगना मनीष संभलपुर, ओडिशा का निवासी है। कॉल सेंटर में कुल 25 लोग काम करते थे, जिनमें से कुछ फरार हैं।
कॉल सेंटर का संचालन और सैलरी जांच में पता चला कि कॉल सेंटर में मैनेजर रुचिता और अजय यादव व्यवस्थाएं संभालते थे। कर्मचारियों को 20 से 25 हजार रुपये मासिक सैलरी पर रखा जाता था। उन्हें स्क्रिप्ट और प्रशिक्षण दिया जाता था कि किस तरह विदेशी नागरिकों से बात करनी है। विदेशी नागरिकों की डायरेक्ट्री खरीद कर संपर्क स्थापित किया जाता था और वीसी डायलर सॉफ्टवेयर से कॉल ट्रांसफर की जाती थी।
बरामद सामान और मनीष की संपत्ति पुलिस ने 25 डेस्कटॉप, 25 पावर एडप्टर, 25 कीपैड, 25 हेडफोन, 11 यूपीएस, तीन मोहर, दो मोबाइल, नौ राउटर, एक लैपटॉप, 20 हजार नकदी, एक कार, पैन कार्ड समेत कई दस्तावेज बरामद किए। मनीष के पास कई लग्जरी कारें, नामी कंपनियों की फ्रेंचाइजी और क्रॉसिंग रिपब्लिक में फ्लैट भी है। इस गिरफ्तारी से बड़े पैमाने पर फर्जी कॉल और विदेशी हेल्थकेयर धोखाधड़ी का नेटवर्क प्रभावित होगा। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और पूरी जांच जारी है।