दिल्ली–एनसीआर की हवा की गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट में फिर चिंता,
CJI बोले- ठोस कदम जरूरी
1 months ago Written By: Aniket prajapati
नई दिल्ली, 27 नवंबर 2025: दिल्ली–एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गंभीर चिंता जताई। सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि स्थिति आपातकालीन जैसी है और समस्या की असली जड़ मॉनिटरिंग में है। इस पर CJI न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि हर साल दिवाली के समय प्रदूषण की चर्चा शुरू होती है, लेकिन सर्दियों के बाद यह मुद्दा गायब हो जाता है। कोर्ट ने सरकार और संबंधित एजेंसियों से ठोस कदम उठाने की मांग की।
सिर्फ चर्चा से नहीं, ठोस कदमों की जरूरत सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में कहा कि हवा की समस्या सिर्फ बोलने से हल नहीं होगी। वकील ने बताया कि AQI (Air Quality Index) तय करने का काम एक्सपर्ट कमेटी करती है। इस पर CJI सूर्यकांत ने कहा कि वे देखेंगे कि क्या सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई है और उसने क्या समाधान सुझाए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई होना जरूरी है, न कि केवल चर्चा।
जजों के पास जादू की छड़ी नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला सोमवार को फिर से लिया जाएगा और यह देखा जाएगा कि सरकार और एजेंसियां हवा को साफ करने के लिए कौन-कौन से कदम उठा रही हैं। CJI ने कहा, "जजों के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि आज ही हवा साफ कर दें। असली कारणों की पहचान और समाधान एक्सपर्ट्स ही बता सकते हैं।" उन्होंने बताया कि हवा की समस्या कई वजहों से होती है और इसका समाधान भी कई उपायों से ही संभव है।
दिल्ली में AQI बेहद खराब स्थिति में राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को AQI का स्तर 355 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार AQI को 0-50 ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बेहद खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।