2 साल पहले दिल्ली आए थे मोहसिन, ई-रिक्शा चलाकर पालते थे परिवार…
ब्लास्ट ने छीन ली सांसें
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण ब्लास्ट ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें मेरठ के रहने वाले 35 वर्षीय मोहसिन भी शामिल थे। मोहसिन रोजी-रोटी चलाने के लिए दिल्ली में ई-रिक्शा चलाते थे। हादसे के वक्त वह अपनी सवारी को लेकर जा रहे थे, तभी अचानक रिक्शे में ब्लास्ट हुआ और मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
हादसे में सबकुछ उजड़ गया मोहसिन की मौत की खबर से उनके घर में कोहराम मच गया है। जानकारी के मुताबिक, मोहसिन की शादी लगभग 10 साल पहले हुई थी। उनके पांच भाई हैं और पूरा परिवार मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है। मोहसिन रोज करीब 500 से 600 रुपये ई-रिक्शा चलाकर कमाते थे, जिससे परिवार का गुजारा चलता था। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली के डिलाइट इलाके में किराए के मकान में रहते थे।
पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर विवाद ब्लास्ट के बाद मोहसिन का शव एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) की मोर्चरी में रखा गया है, जहां पोस्टमार्टम किया गया। लेकिन अब मोहसिन के शव को दफनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मोहसिन के पिता और उनके ससुराल पक्ष के बीच बहस छिड़ गई है। मोहसिन की पत्नी और उनका परिवार चाहते हैं कि शव को दिल्ली में ही दफनाया जाए, जबकि मोहसिन के पिता रफीक चाहते हैं कि अंतिम संस्कार मेरठ स्थित उनके पैतृक गांव में किया जाए। इस विवाद के चलते माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया।
पिता ने सरकार से लगाई मदद की गुहार मोहसिन के पिता रफीक हैंडलूम फैक्ट्री में काम करते हैं। उनके कुल 11 बच्चे हैं, जिनमें 6 बेटे और 5 बेटियां हैं। मोहसिन की मौत के बाद रफीक ने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा परिवार का सहारा था, जो अब इस दुनिया में नहीं रहा। उन्होंने अपील की है कि सरकार मोहसिन की पत्नी और बच्चों की मदद करे ताकि वे इस दुख की घड़ी में संभल सकें।