देवरिया: SIR ड्यूटी में लगे लेखपाल की मौत पर परिजनों का हंगामा,
अंतिम संस्कार तभी होगा जब डीएम लिखित आश्वासन दें
1 months ago Written By: Aniket prajapati
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के काम में लगे लेखपाल आशीष कुमार (35) की शनिवार शाम गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। परिजन दावा कर रहे हैं कि आशीष की मौत एसआईआर ड्यूटी के दबाव और थकान के कारण हार्ट अटैक से हुई है, जबकि प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें गॉल ब्लैडर में पथरी और पेट में दर्द-सूजन की शिकायत थी। शव रविवार सुबह उनके गांव धनगड़ा पहुंचा, लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और न्याय और मुआवजे की लिखित मांग करने लगे। मौके पर विपक्ष के नेता भी पहुंचे और तनाव बढ़ गया है।
परिजन बोले — SIR के दबाव ने ली जान आशीष के परिजन और रिश्तेदारों का कहना है कि उन्हें SIR की ड्यूटी लगाई गई थी और लगातार काम के दबाव में वे परेशान थे। उन्होंने बताया कि आशीष रात-दिन काम करते थे और नींद भी कम ले पाते थे। परिजन मांग कर रहे हैं कि उनकी मौत की सीधी वजह ड्यूटी का तनाव बताकर सरकार मुआवजा दे, आश्रितों को नौकरी दे और बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उठाए। ये मांगें पूरी होने तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करने का एलान कर चुके हैं।
प्रशासन की रिपोर्ट — पथरी व पेट की समस्या का हवाला प्रशासन ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि आशीष गॉल ब्लैडर में पथरी की समस्या से पीड़ित थे। पिछले दो दिनों से पेट में दर्द और सूजन थी, इसलिए वे गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज कराने गए थे, जहां उनकी मौत हुई। प्रशासन ने यह भी कहा कि आवश्यक प्रक्रियाएँ पूरी की जा रही हैं।
मौके पर अधिकारी, विपक्ष और भावनात्मक दृश्य शव पहुंचने पर एसडीएम दिशा श्रीवास्तव, तहसीलदार अलका सिंह सहित अन्य अधिकारी परिजनों को सांत्वना देने पहुँचे। एसडीएम ने आशीष की पत्नी का हाथ पकड़कर उन्हें आश्वस्त किया और कहा कि तहसील उनका साथ देगी। इसके बावजूद परिजन डीएम दिव्या मित्तल से लिखित आश्वासन की मांग पर अडिग हैं। इस दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रमाशंकर राजभर, जिला अध्यक्ष व्यास यादव और अन्य विपक्षी नेता भी मौके पर पहुंचे और मामले को राजनीतिक करवाते हुए प्रशासन पर सवाल उठाए।
मांगें स्पष्ट — लिखित आश्वासन पर ही अंतिम संस्कार परिजन स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक जिलाधिकारी द्वारा मुआवजे, नौकरी व बच्चों की परवरिश के संबंध में लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। डीएम मौके पर नहीं पहुँचीं और परिजन उनकी उपस्थिति व लिखित भरोसे की मांग पर बने हुए हैं।
सपा का मुआवजा प्रस्ताव सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन पर दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है और पार्टी परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देगी। परिजन इससे संतुष्ट नहीं दिख रहे और पांच करोड़ रुपये, आश्रितों को नौकरी व दीर्घकालिक सहायता की मांग कर रहे हैं।