Dev Diwali 2025: गंगा तट पर झलकेगा मिनी भारत,
काशी में दिखेगा मराठी से लेकर दक्षिण भारतीय परंपराओं का संगम
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: वाराणसी में इस बार देव दीपावली का नज़ारा बेहद खास होने वाला है। जब पूरी काशी गंगा के घाटों पर दीयों की रौशनी से नहाएगी, तब यह शहर भारत की एकता और विविधता का प्रतीक बनकर जगमगाएगा। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार की देव दीपावली सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं होगी, बल्कि भारत की अलग-अलग संस्कृतियों का अनोखा संगम भी पेश करेगी। हर घाट अपनी विशिष्ट पहचान और संस्कृति के रंगों से सजेगा कहीं मराठी परंपरा दिखेगी, तो कहीं दक्षिण भारत, गुजरात और मिथिला की झलक देखने को मिलेगी।
हर घाट पर अलग संस्कृति का रंग काशी के पंचगंगा घाट पर इस बार भी मराठी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। यहां के मराठी परिवार पारंपरिक तरीके से दीप जलाने और गंगा आरती की तैयारियों में जुटे हैं। वहीं, समीप स्थित नेपाली मोहल्ले में नेपाली परिवार अपनी पारंपरिक शैली में दीप सज्जा करेंगे। यह दोनों संस्कृतियों का संगम देव दीपावली की रात पंचगंगा घाट को खास बना देगा। गौरीकेदार घाट पर दक्षिण भारतीय संस्कृति का रंग देखने को मिलेगा। यहां केदारेश्वर मंदिर परिसर में दीपों की सजावट, भक्ति संगीत और पारंपरिक पूजा की तैयारियाँ जोरों पर हैं। यहां दक्षिण भारत से जुड़े लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, इसलिए यह घाट पूरी तरह दक्षिण भारतीय परंपराओं की छटा से दमकेगा।
गुजराती और मैथिली संस्कृति की झलक पुराने गुजराती मोहल्ले और ठठेरी बाजार, चौक तथा मणिकर्णिका के आसपास स्थित मंदिरों को भी विशेष रूप से सजाया जा रहा है। गुजराती परिवार पारंपरिक वेशभूषा में पूजा करेंगे और रंगोली से सजी थालियाँ आकर्षण का केंद्र बनेंगी। वहीं दशाश्वमेध घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट पर मैथिल ब्राह्मणों की पूजा-पद्धति के अनुसार दीप सजाए जाएंगे। इस बार इन घाटों पर दीयों की संख्या ऐतिहासिक स्तर पर बढ़ाई गई है। गंगा के दोनों तटों पर लाखों दीपों की रौशनी से काशी जगमगाएगी।
जलेंगे 10 लाख दीप, विदेशी पर्यटक भी होंगे शामिल संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि देव दीपावली 2025 पर पर्यटन विभाग की ओर से 10 लाख दीप जलाए जाएंगे, जबकि बाकी घाटों पर स्थानीय समितियां दीप सजाएंगी। आस-पास के जिलों मिर्जापुर, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर और प्रयागराज से हजारों श्रद्धालु पहुंचेंगे। दक्षिण भारत, गुजरात और अन्य राज्यों के अलावा विदेशी पर्यटक भी इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बनेंगे।
एक भारत, श्रेष्ठ भारत की झलक
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि देव दीपावली भारत की आत्मा का उत्सव है। यह आयोजन दिखाता है कि देश की विविध परंपराएँ मिलकर कैसे एकता की मिसाल पेश करती हैं। मराठी, दक्षिण भारतीय, गुजराती, मैथिल और नेपाली संस्कृतियों का यह संगम काशी को सचमुच मिनी भारत बना देता है। सरकार का उद्देश्य है कि काशी को वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और सशक्त किया जाए।