दिवाली और देव दीपावली में अंतर जानना है आसान…
5 प्वाइंट्स में पढ़ें पूरी जानकारी
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Dev Deepawali 2025: हर साल दिवाली के 15 दिन बाद देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस साल देव दीपावली 5 नवंबर 2025, बुधवार को है। बहुत से लोग दिवाली और देव दीपावली को एक ही त्योहार समझ लेते हैं, लेकिन दोनों में कई अंतर हैं। दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है और यह भगवान राम की रावण पर विजय के बाद अयोध्या वापसी का उत्सव है। वहीं, देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है और यह भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस का वध करने की खुशी में मनाया जाता है।
मुख्य अंतर: देव दीपावली और दिवाली दिवाली और देव दीपावली में पूजा, अनुष्ठान और महत्व अलग-अलग हैं।
दिवाली: कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, घर-घर लक्ष्मी पूजन और पटाखे जलाते हैं। यह धन और समृद्धि का पर्व है।
देव दीपावली: कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। इसे देवताओं की दिवाली भी कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन सभी देवता पृथ्वी पर आते हैं और उत्सव मनाते हैं।
तुलना सारणी:
अंतर
देव दीपावली
दिवाली
दिन
कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक अमावस्या
कारण
भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर का वध
भगवान राम के वनवास से वापसी
पूजा
भगवान शिव की पूजा
देवी लक्ष्मी की पूजा
अनुष्ठान
गंगा स्नान, घाट पर दीपदान और आरती
घर-घर लक्ष्मी पूजन, पटाखे जलाना
महत्व
देवताओं द्वारा धरती पर उत्सव मनाना
धन और समृद्धि का पर्व
क्यों खास है देव दीपावली देव दीपावली को देवताओं की दिवाली भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कर ब्रह्मांड की रक्षा की थी। उसी खुशी में सभी देवता वाराणसी में प्रकट हुए और उत्सव मनाया। तभी से वाराणसी में इस दिन बड़े धूमधाम से दीपदान और घाट पर आरती की जाती है।