सहारनपुर की धरती से निकला डायनासोर का सींग…
10 करोड़ साल पुराना रहस्य हुआ उजागर
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक ऐसी खोज हुई है, जिसने न सिर्फ वैज्ञानिकों को चौंका दिया, बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। शिवालिक की तलहटी में बहने वाली सहंसरा नदी के किनारे खुदाई के दौरान एक प्राचीन जीवाश्म मिला है। प्रारंभिक जांच में विशेषज्ञों ने इसे सींगधारी डायनासोर (Horned Dinosaur) की नाक का सींग (Nasal Horn) बताया है, जो लेट क्रेटेशियस काल यानी करीब 6.6 से 10 करोड़ वर्ष पहले का माना जा रहा है।
सहंसरा नदी किनारे खुदाई में मिला जीवाश्म सहारनपुर जिले के कोठरी और बहलोलपुर गांवों के पास नदी किनारे खुदाई के दौरान ग्रामीणों को यह अवशेष मिला। इसकी लंबाई करीब 33 सेंटीमीटर और मोटाई लगभग 5.5 सेंटीमीटर है। इसका आकार दोधारी कटार जैसा है, जो अमेरिका में पाए जाने वाले प्रसिद्ध ट्राइसेराटॉप्स डायनासोर की नाक के सींग से काफी मिलता-जुलता बताया जा रहा है।
वैज्ञानिकों ने बताया सैंडस्टोन में बदल चुका जीवाश्म शोधकर्ताओं के अनुसार यह जीवाश्म अब पूरी तरह सैंडस्टोन (बलुआ पत्थर) में बदल चुका है। इसके अंदर खनिजकरण (Mineralization) की प्रक्रिया साफ दिखाई देती है। क्षेत्र में शोध कार्य कर रहे डॉ. उमर सैफ ने बताया कि सहंसरा नदी की घाटी की मिट्टी और चट्टानें लेट क्रेटेशियस काल की परतों से मेल खाती हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि यह इलाका लाखों साल पुराने जीवाश्मों का भंडार हो सकता है।
भारत में पहली बार मिले सींगधारी डायनासोर के संकेत भारत में अब तक मिले जीवाश्म ज्यादातर मांसाहारी डायनासोर प्रजातियों जैसे राजासौरस नर्मदेंसिस से जुड़े रहे हैं, जो गुजरात की नर्मदा घाटी से मिले थे। लेकिन सहंसरा की यह खोज सींगधारी डायनासोर (Ceratopsian) प्रजाति की संभावना दिखाती है। अगर वैज्ञानिक जांच में इसकी पुष्टि हो जाती है, तो यह खोज भारत के डायनासोर इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ देगी।
वैज्ञानिक अध्ययन के लिए किया गया सुरक्षित फिलहाल जीवाश्म को सुरक्षित रख लिया गया है और वैज्ञानिक अध्ययन की तैयारी की जा रही है। स्थानीय शोधकर्ता अब राष्ट्रीय पुराजैविक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से इस इलाके का सर्वेक्षण करने की अपील कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह खोज प्रमाणित होती है, तो यह साबित करेगी कि ट्राइसेराटॉप्स जैसे डायनासोर कभी भारतीय उपमहाद्वीप में भी विचरते थे।