रिटायरमेंट से पहले PF निकालना अब मुश्किल, सरकार ने सख्त किए नियम,
जानिए क्या बदल गया और क्यों जरूरी है ये कदम
10 days ago Written By: Ashwani Tiwari
EPFO New Rules 2025:कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़े बदलाव किए हैं। अब जहां आंशिक निकासी यानी किसी जरूरी जरूरत के लिए पैसा निकालना आसान होगा, वहीं रिटायरमेंट से पहले पूरा पैसा निकालना पहले से कहीं ज्यादा कठिन बना दिया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि कर्मचारियों को जरूरी समय पर मदद भी मिले और भविष्य के लिए उनकी बचत भी सुरक्षित रहे।
रिटायरमेंट से पहले ही खत्म हो रहा पैसा केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों के मुताबिक, ईपीएफ के 50% सदस्यों के खाते में निकासी के समय सिर्फ 20,000 रुपये से भी कम रकम होती है। करीब 75% कर्मचारियों के खाते में 50,000 रुपये से कम और 87% सदस्यों के पास रिटायरमेंट के वक्त 1 लाख रुपये से भी कम जमा रहते हैं। इसका मतलब यह है कि अधिकांश लोग अपने बुढ़ापे के लिए पर्याप्त बचत नहीं कर पा रहे। सरकार ने कहा कि बार-बार छोटी जरूरतों के लिए पैसा निकालना इस स्थिति की मुख्य वजह है। इसी समस्या से निपटने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।
पूरी निकासी के लिए सख्त शर्तें लागू केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया कि अब हर पीएफ खाते में 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में रखना अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि अब कोई भी कर्मचारी अपना पीएफ खाता पूरी तरह से खाली नहीं कर सकेगा। साथ ही, पूरी निकासी के लिए अब 2 महीने नहीं बल्कि 12 महीने का इंतजार करना होगा। पेंशन फंड निकालने की अवधि भी 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि लोग अपनी पूरी पेंशन रकम जल्दी न निकाल लें और भविष्य के लिए कुछ बचा रहे।
जरूरत पड़ने पर पैसा निकालना हुआ आसान सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों को इलाज, बच्चों की पढ़ाई या शादी जैसी जरूरी जरूरतों के लिए पैसा चाहिए, उनके लिए प्रक्रिया पहले से सरल की गई है। पिछले साल ईपीएफओ को 7 करोड़ आंशिक निकासी आवेदन मिले थे, जिनमें से 6 करोड़ को मंजूरी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि यह कर्मचारियों के लिए दोहरी रणनीति है। जरूरत के वक्त मदद भी मिले और खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने से ब्याज (8.25%) का लाभ भी मिलता रहे।
कर्मचारी नामांकन अभियान से जुड़ने का मौका ईपीएफओ ने उन कर्मचारियों के लिए भी राहत दी है जो अब तक इस योजना से नहीं जुड़ पाए थे। 1 नवंबर से कर्मचारी नामांकन अभियान शुरू किया जा रहा है। यह योजना जुलाई 2017 से अक्टूबर 2025 के बीच नौकरी में आए लेकिन जिनका पीएफ खाता नहीं खुल पाया, उनके लिए है। नियोक्ताओं को अब ऐसे कर्मचारियों का बकाया और ब्याज जमा करना होगा, जबकि जिन कर्मचारियों से वेतन कटौती नहीं हुई थी, उन्हें पिछला हिस्सा भरने से छूट मिलेगी। साथ ही, ईपीएफओ ने नियोक्ताओं पर केवल 100 रुपये का मामूली जुर्माना लगाया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से जुड़ सकें।
सरकार का लक्ष्य: सुरक्षित रिटायरमेंट फंड सरकार का मानना है कि छोटी-छोटी बचत से ही बड़ा रिटायरमेंट फंड बनता है। नए नियमों से जहां तत्काल जरूरतों का ध्यान रखा गया है, वहीं भविष्य की आर्थिक सुरक्षा पर भी जोर दिया गया है।