डॉक्टर बोला- जबरन ले गए, SSP बोले- गलतफहमी…
इटावा अस्पताल में बड़ा बवाल
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बुधवार देर रात डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में पुलिस और डॉक्टरों के बीच तनाव की स्थिति बन गई। आरोप है कि एसएसपी की मां की तबीयत बिगड़ने पर सिविल लाइन थाने के दरोगा अपने साथियों के साथ अस्पताल पहुंचे और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को जबरन अपने साथ ले गए। घटना के बाद गुरुवार सुबह अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने जमकर हंगामा किया और करीब दो घंटे तक ओपीडी और दवा वितरण कक्ष बंद रखकर विरोध जताया।
क्या था मामला जानकारी के अनुसार, एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव की 88 वर्षीय मां का अचानक बीपी बढ़ गया था। रात करीब 12 बजे सिविल लाइन थाने के पुलिसकर्मी इमरजेंसी पहुंचे और ड्यूटी पर मौजूद डॉ. राहुल बाबू व फार्मासिस्ट शरद यादव को तुरंत साथ चलने को कहा। आरोप है कि विरोध करने पर डॉक्टर और फार्मासिस्ट से अभद्रता की गई तथा डॉक्टर का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया। बाद में एसएसपी चौराहे पर खुद पहुंचे और अपने पुलिसकर्मियों को डॉक्टर को छोड़ने का निर्देश दिया। डॉ. राहुल बाबू का कहना है कि उन्हें जबरन अस्पताल से उठाकर ले जाया गया। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में जबरदस्ती का स्पष्ट सबूत नहीं मिला है। फुटेज के मुताबिक, डॉक्टर खुद ही पुलिसकर्मियों के साथ गए थे। इसके बाद एसएसपी ने डॉक्टर से खेद जताया और पुलिसकर्मियों ने भी माफी मांगी।
कर्मचारियों का विरोध घटना से नाराज अस्पताल स्टाफ और संगठनों के पदाधिकारी गुरुवार सुबह अस्पताल पहुंचे। गुस्साए कर्मचारियों ने ओपीडी और दवा वितरण कक्ष बंद कर विरोध किया। करीब दो घंटे तक सेवाएं बाधित रहीं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सीएमओ और एसएसपी का बयान सीएमओ डॉ. वीके सिंह ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को जबरन उठाना गंभीर अपराध है और इसे अपहरण की श्रेणी में रखा जा सकता है। उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर देने और जरूरत पड़ने पर अदालत जाने की बात कही। वहीं, एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के बीच केवल गलतफहमी हुई थी। पुलिसकर्मियों ने माफी मांगी है और यदि औपचारिक शिकायत दर्ज होती है तो जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।