UPSC में तीन बार फेल, फिर बना फर्जी IAS: अफसरों से बढ़ाई नजदीकी,
दूसरों के नाम पर निकली 6 लग्जरी गाड़ियां
1 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Fake IAS Saurabh Tripathi Exposed: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा तीन बार देने के बाद असफल रहने वाला सौरभ त्रिपाठी खुद को IAS अफसर बताकर बड़े पैमाने पर ठगी करता रहा। सौरभ मूल रूप से मऊ का रहने वाला है और एक संभ्रांत परिवार से है। पिता रिटायर्ड डॉक्टर और पत्नी इंजीनियर हैं। उसने दिल्ली के मुखर्जी नगर में तैयारी की थी लेकिन सफलता न मिलने पर उसने ठगी का रास्ता चुना। सौरभ ने लखनऊ में ABM नॉलेजवेयर लिमिटेड में प्रोजेक्ट मैनेजर की नौकरी की और यहीं से नगर विकास विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधना शुरू किया। बाद में इन्हीं संबंधों का इस्तेमाल उसने खुद को बड़ा अफसर दिखाने और लोगों से ठगी करने में किया।
अफसरों से नजदीकी और ठगी की शुरुआत
सौरभ त्रिपाठी ने पढ़ाई के दौरान कई IAS अफसरों से दोस्ती की थी। करीब 4 साल पहले उसने बिहार के आधा दर्जन IAS अधिकारियों से नजदीकी बढ़ाई। इन मुलाकातों और तस्वीरों का इस्तेमाल उसने अपना रौब बढ़ाने के लिए किया। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में रिटायर हुए एक पूर्व मुख्य सचिव से भी उसकी नजदीकी थी, जिनके जरिए उसने कई विभागों और नेताओं तक पहुंच बनाई। इसी पहचान के आधार पर वह लोगों को सरकारी काम कराने का झांसा देता और पैसे ऐंठता था।
6 लग्जरी कारें, सभी फर्जी पास के साथ
पुलिस ने जांच में उसके पास से 6 लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। सभी गाड़ियां दूसरे लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। इनमें फॉरच्यूनर लेजेंडर, डिफेंडर, मर्सिडीज और कई इनोवा क्रेस्टा शामिल हैं। इन कारों पर सचिवालय, विधानसभा और विधान परिषद के फर्जी पास लगे थे। इतना ही नहीं, कुछ कारों पर उसने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन तक लिखवा रखा था। पुलिस और RTO अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि ये गाड़ियां आखिरकार उसके पास कैसे पहुंचीं।
सोशल मीडिया ने खोली पोल
सौरभ ने सोशल मीडिया पर खुद को स्पेशल सेक्रेटरी अर्बन डिपार्टमेंट और डायरेक्टर कैबिनेट सेक्रेटरी, भारत सरकार लिखकर अफसरों और आम लोगों को धोखा दिया। इसी झूठी पहचान से उसने सरकारी काम कराने के नाम पर वसूली शुरू की। कंपनी ABM नॉलेजवेयर लिमिटेड के अधिकारी कनिष्क सिंह ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला खुला।

गिरफ्तारी और जांच
सौरभ का निजी सचिव गौरव पांडेय 5 सितंबर को गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस को शक है कि कई गाड़ियां और संपत्तियां उसके नाम पर भी कराई गई थीं। पुलिस लखनऊ, नोएडा, दिल्ली, बिहार और गोवा में उसके ठिकानों की तलाश कर रही है। उसके चार बैंक खातों और ट्रांजैक्शन डिटेल की जांच की जा रही है। DCP क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि स्पेशल क्राइम ब्रांच को भी इस जांच में लगाया गया है।