फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी का PA बना बिचौलिया, जिलाधिकारियों तक भेजता था फर्जी मेल,
पुलिस ने किया गिरफ्तार
2 days ago
Written By: Sandeep Shukla
Uttar Pradesh News: लखनऊ पुलिस ने फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी मामले में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। शुक्रवार दोपहर वजीरगंज पुलिस ने उसके निजी सचिव (पीए) गौरव पांडेय को ग्लोब पार्क के पास से गिरफ्तार किया। गौरव खुद को सौरभ का निजी सचिव बताता था और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालने और प्रमोट करने का काम करता था। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब मामले की जांच और तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है।
फर्जी आईडी से जिलाधिकारियों तक मेल
पुलिस जांच में सामने आया है कि गौरव ने एनआईसी की फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया। इसके जरिए वह विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों को मेल करता था और कई राज्यों में प्रोटोकॉल, सर्किट हाउस और सरकारी गेस्ट हाउस बुक कराता था। यही नहीं, वह ट्रांसफर, पोस्टिंग और ठेकों से जुड़े मामलों में भी सक्रिय था। गौरव मूल रूप से फर्रुखाबाद के थाना फतेहगढ़ क्षेत्र के नेकपुर चौरासी गांव का रहने वाला है। वह लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार स्थित एमआई रसल कोर्ट में फ्लैट लेकर रह रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि सौरभ ने खुद को केंद्रीय सचिव बताकर उसे अपने साथ जोड़ लिया था।
मोबाइल और सिम कार्ड बरामद
गौरव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उसकी कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है। गौरव ने स्वीकार किया कि सौरभ ने कई अलग-अलग आईडी पर सिम कार्ड खरीदे थे और इन्हीं से सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए। एक्स (ट्विटर) पर भी Saurabh IAAS नाम से अकाउंट बनाकर सरकारी कार्यक्रमों की तस्वीरें अपलोड की जाती थीं।
बैंक खातों की जांच जारी
पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि गौरव से पूछताछ में अहम जानकारी मिली है। पुलिस ने सौरभ, उसकी पत्नी और गौरव के बैंक खातों की जानकारी जुटाने के लिए बैंकों को पत्र लिखा है। गौरव को जेल भेज दिया गया है और मामले की जांच आगे बढ़ रही है। पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी से पूरे रैकेट की परतें जल्द खुल सकती हैं।