ग्रेटर नोएडा में फर्जी RAW अफसर का भंडाफोड़…
फेक ID, 5 पैन कार्ड और कई बैंक अकाउंट देख STF भी दंग
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: ग्रेटर नोएडा में यूपी एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो वर्षों से खुद को भारतीय खुफिया एजेंसी RAW का अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। आरोपी पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसायटी में रह रहा था और अपने आप को हाई-प्रोफाइल अधिकारी दिखाकर लोगों को सरकारी काम करवाने, जांच प्रभावित करने और शेयर बाजार में फायदे का लालच देकर ठगता था। एसटीएफ ने उसके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, पहचान पत्र और बैंकिंग सामग्री बरामद की है, जिससे उसके बड़े और संगठित नेटवर्क का खुलासा होता है।
RAW अधिकारी बनकर करता था ठगी, एसटीएफ ने दबोचा एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने बिहार के वैशाली निवासी सुनीत कुमार को रविवार शाम सूरजपुर थाना क्षेत्र की पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसायटी से गिरफ्तार किया। अधिकारी राजेश कुमार मिश्र के अनुसार आरोपी लंबे समय से संगठित तरीके से धोखाधड़ी का नेटवर्क चला रहा था और फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से शेयर बाजार में पैसे लगाने के नाम पर ठगी करने की योजना बना रहा था। एसटीएफ ने उसके पास से फर्जी RAW ऑफिसर की आईडी, कई पहचान पत्र और कथित आधिकारिक दस्तावेज बरामद किए हैं।
सरकारी संपर्क और जांच प्रभावित करने के नाम पर वसूलता था पैसे जांच में पता चला कि आरोपी खुद को ऊंचे पद पर तैनात अधिकारी बताकर लोगों को विश्वास में लेता था। वह दावा करता था कि उसके सरकारी सिस्टम में बड़े संपर्क हैं और वह किसी भी काम को आसानी से करवाकर दे सकता है। इसी भरोसे में कई लोग उसके झांसे में आ चुके थे। आरोपी दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय से सक्रिय था।
फ्लैट से मिला फर्जी दस्तावेजों का ढेर, 40 लाख रुपये भी बरामद एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के फ्लैट से भारी मात्रा में संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। इनमें—
कई बैंकों की चेक बुक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड
5 पैन कार्ड
17 अलग-अलग नामों पर एग्रीमेंट
2 आधार कार्ड
3 वोटर आईडी
इसके अलावा लगभग 40 लाख रुपये भी बैंक खातों में मिले, जिन्हें एसटीएफ ने फ्रीज कर दिया है।
फर्जी पहचान बनाकर छिपाता था असली नाम प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी कई फर्जी नाम और पहचान इस्तेमाल करता था ताकि किसी भी जांच एजेंसी को उसकी गतिविधियों का पता न चल सके। अलग-अलग पहचान दस्तावेजों के जरिए वह अपने असली नाम को पूरी तरह छुपा लेता था।
एसटीएफ कर रही है नेटवर्क की जांच एसटीएफ अब यह पता लगा रही है कि इस पूरे नेटवर्क में और कौन लोग शामिल हैं और कितने लोगों को ठगा गया है। बरामद दस्तावेजों की जांच जारी है और जिन नामों पर फर्जी पहचान बनाई गई है, उनकी भी पहचान की जाएगी। वर्तमान में आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।