फरीदाबाद में पकड़ा गया जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल,
हथियारों और विस्फोटक नेटवर्क का खुलासा
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
फरीदाबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) मॉड्यूल की जांच में हथियारों की सप्लाई से लेकर विस्फोटक सामग्री तैयार करने तक का एक व्यापक नेटवर्क उजागर हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों डॉ. मुअज्जमिल, डॉ. शाहीन, डॉ. अदील और आमिर की भूमिका इस नेटवर्क में अहम बताई गई है। अधिकारियों के अनुसार, मॉड्यूल के माध्यम से खतरनाक हथियार और विस्फोटक सामग्री देश में लाई जा रही थी।
हथियारों की खरीद और बरामदगी जांच में पता चला कि मुअज्जमिल ने डॉ. शाहीन के संपर्कों की मदद से लगभग 5 लाख रुपये में एक रूसी असॉल्ट राइफल खरीदी। यह राइफल बाद में डॉ. अदील के लॉकर से बरामद हुई। इससे पहले AK क्रिंकोव राइफल, एक चीनी स्टार पिस्टल, बेरेटा पिस्टल और लगभग 2,900 किलो विस्फोटक बनाने वाली रासायनिक सामग्री जब्त की जा चुकी थी। अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ निवासी डॉ. शाहीन ने उमर के निर्देश पर सप्लायरों से गुप्त बातचीत कर हथियार और डीप फ्रीज़र की व्यवस्था की थी।
नेटवर्क की फंडिंग और संचालन जांच में यह भी सामने आया कि इस ऑपरेशन के लिए करीब 26 लाख रुपये जुटाए गए, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा डॉ. शाहीन द्वारा जुटाया गया। बरामद डीप फ्रीज़र का उपयोग ताप-संवेदनशील रसायनों को सुरक्षित रखने और IED तैयार करने में किया जा रहा था। शाहीन ने अपने नेटवर्क के जरिए फंड जुटाने और हथियारों की खरीद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विस्फोटक सामग्री की तैयारी अदील के लॉकर से मिली AK-56 मॉड्यूल की बरामदगी फंडिंग और तैयारी को समझने में निर्णायक साबित हुई। उमर ने ऑनलाइन ट्यूटोरियल और मैनुअल की मदद से विस्फोटक बनाने की तकनीक सीख रखी थी। विस्फोटक सामग्री नूंह से, जबकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिल्ली और फरीदाबाद के NIT मार्केट से खरीदे गए थे।
पैसों को लेकर विवाद सूत्रों के अनुसार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में आरोपियों के बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद उमर ने कथित रूप से विस्फोटक से भरी लाल कार मुअज्जमिल को सौंप दी।