स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा: 6 महिलाओं का 116 बार प्रसव और 19 बार नसबंदी
फर्जी आंकड़े दिखाकर लाखों का गोलमाल, जांच में और खुलेगा भ्रष्टाचार का राज
9 days ago
Written By: State Desk
हरियाणा के फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जननी सुरक्षा और नसबंदी योजना में फर्जीवाड़ा हुआ। 6 महिलाओं के नाम पर बार-बार प्रसव और नसबंदी दिखाकर 1.88 लाख रुपये निकाल लिए गए, जबकि महिलाएं अनजान थीं। एक व्यक्ति ने फर्जी खाते खोलकर पैसे निकाले। जांच में डेटा एंट्री ऑपरेटर, ब्लॉक अधिकारी और लेखा प्रबंधक की संलिप्तता पाई गई।
फतेहाबाद CHC में JSY और नसबंदी योजना में घोटाला
फतेहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जननी सुरक्षा योजना (JSY) और नसबंदी योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में पता चला है कि कुछ महिलाओं के नाम पर बार-बार प्रसव और नसबंदी दिखाकर सरकारी धन निकाला गया है।
फर्जी रिकॉर्ड से निकाले गए 1.88 लाख रुपये
बता दें कि अब तक की जांच में 6 महिलाओं के नाम पर करीब 116 बार प्रसव और 19 बार नसबंदी के फर्जी रिकॉर्ड मिले हैं। इन रिकॉर्ड के आधार पर करीब 1.88 लाख रुपये खातों से निकाल लिए गए। शासन ने जब इन योजनाओं का ऑडिट कराया तो हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। एक महिला के नाम पर 20 से 25 बार प्रसव और 3 से 5 बार नसबंदी दर्ज थी। इस पर शासन ने सीएमओ को जांच के आदेश दिए।
एक महिला के नाम पर 25 बार प्रसव, 5 बार नसबंदी दर्ज
जांच में सामने आया कि महिला कृष्णा के नाम पर 25 बार प्रसव और 5 बार नसबंदी, कस्तूरी देवी के नाम पर 19 बार प्रसव और 1 बार नसबंदी दर्ज है। इसी तरह, सुनीता और मछला देवी के नाम पर 18-18 बार प्रसव और 3-3 बार नसबंदी दर्शाई गई है। इसके अलावा, राजकुमारी के नाम पर 17 बार प्रसव और 3 बार नसबंदी तथा भूरी के नाम पर 16 बार प्रसव और 4 बार नसबंदी दिखाई गई है। इन महिलाओं को प्रति नसबंदी 2000 रुपये और प्रसव पर 1400 रुपये मिलते हैं। पुलिस जांच में महिलाओं ने बताया कि उन्हें इस योजना की जानकारी ही नहीं थी। उनके नाम से अशोक कुमार नामक व्यक्ति ने खाते खुलवाए और अपने मोबाइल नंबर दर्ज किए। पैसे आने पर वह खुद ही यूपीआई से पैसे निकाल लेता था।
कई फर्जी खाते सामने आने की आशंका
इस घोटाले में डेटा एंट्री ऑपरेटर गौतम सिंह, ब्लॉक अधिकारी गौरव थापा और लेखा प्रबंधक अजहर व नीरज अवस्थी की भूमिका भी सामने आई है। फिलहाल गौतम और अजहर फरार हैं। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि बाकी 18 सीएचसी की भी जांच की जा रही है। कई और फर्जी खाते सामने आ सकते हैं।