गाजियाबाद से दिल्ली का सफर होगा फटाफट, 10 मिनट में पहुंचेंगे मंजिल,
193 करोड़ की सड़क योजना से खुलेगी नई राह
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में यातायात को आसान बनाने के लिए यूपी ब्रिज कॉर्पोरेशन ने बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत हिंडन एलिवेटेड रोड पर दो क्लोवरलीफ इंटरचेंज और कई रैंप बनाए जाएंगे। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार जैसे घनी आबादी वाले इलाकों को सीधे यूपी गेट और राजनगर एक्सटेंशन से जोड़ना है। इससे न केवल दिल्ली जाने वाले यात्रियों का समय बचेगा बल्कि ट्रैफिक का दबाव भी काफी कम हो जाएगा। स्थानीय लोग इसे लेकर उत्साहित हैं क्योंकि इससे उनकी रोजमर्रा की यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी।
परियोजना का खाका और लागत
यूपी ब्रिज कॉर्पोरेशन ने इस योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को अंतिम रूप दे दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, लगभग 24 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी, जो सिद्धार्थ विहार को हिंडन एलिवेटेड रोड से जोड़ेगी। इस सड़क में हिंडन नदी पर एक पुल भी शामिल होगा, जिससे वाहन बिना किसी रुकावट के यूपी गेट की ओर बढ़ सकेंगे। योजना में दो क्लोवरलीफ इंटरचेंज होंगे, जिनसे दिल्ली और राजनगर एक्सटेंशन की ओर निर्बाध यात्रा संभव होगी। इसके अलावा, वसुंधरा और कानावानी की ओर लगभग 400 मीटर लंबे दो रैंप बनाए जाएंगे, जिनकी अनुमानित लागत ₹90 करोड़ बताई गई है। पूरी योजना की कुल लागत करीब ₹193 करोड़ आंकी गई है और इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार से फंडिंग की उम्मीद है।
लिंक रोड और ट्रैफिक पर असर
योजना के तहत वसुंधरा सेक्टर-7 से हिंडन एलिवेटेड रोड तक करीब 7 किलोमीटर लंबी लिंक रोड भी बनाई जाएगी। यह लिंक रोड कानावानी पुलिया के पास बनने वाले क्लोवरलीफ इंटरचेंज से जुड़ेगी। इस कनेक्टिविटी से यात्रियों को बिना कहीं रुके सीधे दिल्ली पहुंचने का अवसर मिलेगा। अभी जहां वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार से दिल्ली पहुंचने में 30 से 40 मिनट लगते हैं, वहीं इस योजना के लागू होने के बाद यह समय घटकर मात्र 10 मिनट रह जाएगा। इसके पूरा होने से मोहन नगर, डाबर तिराहा और एनएच-9 जैसे व्यस्त मार्गों पर भी ट्रैफिक दबाव घटेगा।
चुनौतियां और संभावनाएं
परियोजना को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं। भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय मंजूरी और बजट स्वीकृति जैसे मुद्दों पर अभी काम होना बाकी है। साथ ही हिंडन नदी पर बनने वाले पुल के दौरान जल प्रवाह और पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन भी किया जा रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) अधिकारियों का कहना है कि अगर सब कुछ समय पर हुआ तो निर्माण कार्य अगले साल की शुरुआत तक शुरू हो सकता है। अनुमान है कि दो वर्षों में यह परियोजना पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। स्थानीय निवासियों का मानना है कि इस योजना से न केवल यात्रा आसान होगी बल्कि रियल एस्टेट और व्यापारिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।