अब कुत्तों का काटना हो जाएगा ना के बराबर, गाजियाबाद बनेगा यूपी का पहला जिला,
जहां टारगेट पर होंगे 10 हजार डॉग
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लोग सड़क पर चलते समय डर का सामना कर रहे हैं। इन पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन ने कदम उठाए हैं। गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का पहला जिला बनने जा रहा है, जहां तीन एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर खोले जाएंगे। इन सेंटरों के जरिए कुत्तों की नसबंदी की जाएगी और उनकी बढ़ती आबादी पर लगाम लगाई जाएगी। नगर आयुक्त विक्रम आदित्य सिंह मलिक ने बताया कि डेढ़ साल पहले शहर में सिर्फ एक एबीसी सेंटर था, जहां प्रतिदिन 25-30 कुत्तों की नसबंदी की जाती थी। अब दूसरा सेंटर तैयार हो चुका है और तीसरा सिद्धार्थ विहार में इस साल के अंत तक शुरू होगा।
तीन एबीसी सेंटरों से होगी बड़ी राहत
नए सेंटरों में प्रतिदिन लगभग 50-50 कुत्तों की नसबंदी की जाएगी। पहले सेंटर में पहले से ही 25-30 कुत्तों की नसबंदी हो रही थी। तीसरे सेंटर के शुरू होने के बाद जिले में प्रतिदिन कुल 125-130 कुत्तों की नसबंदी संभव होगी। इसके साथ ही शेल्टर होम का निर्माण भी किया गया है, जहां 50 कुत्तों को सुरक्षित रखा जाएगा। 2021-22 के सर्वे के अनुसार जिले में लगभग 49 हजार कुत्ते थे। अब तक नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 32 हजार कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है।
क्यों जरूरी है एबीसी सेंटर
एबीसी सेंटर में कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और टीकाकरण किया जाता है। इसके बाद उन्हें उसी इलाके में वापस छोड़ा जाता है, जहां से वे पकड़े गए थे। इस प्रक्रिया से कुत्तों की संख्या नियंत्रित रहती है और वे इंसानों के लिए कम खतरनाक होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत पूरे देश में आवारा कुत्तों की समस्या हल करने के लिए यही तरीका अपनाया जा रहा है। गाजियाबाद नगर निगम का कहना है कि तीनों सेंटरों के शुरू होने के बाद जिले में स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा और कुत्तों की आबादी धीरे-धीरे कम होगी।