दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सिपाही विपिन की मौत, हिस्ट्रीशीटर की कार ने मारी टक्कर,
मां बोलीं- काश रोक लेती बेटे को
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक सिपाही विपिन कुमार की दर्दनाक मौत ने सभी को झकझोर दिया है। घटना आईपीईएम कॉलेज गेट के सामने हुई, जहां ड्यूटी पर तैनात सिपाही को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि सिपाही हवा में उछलकर सड़क पर जा गिरे। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अगर रोक लेती तो मेरा बेटा जिंदा होता
मृतक सिपाही विपिन की मां कमलेश देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि बेटे की तबीयत ठीक नहीं थी। वह घर पर आराम करने की सलाह भी दे रही थीं, लेकिन विपिन ने दवा खाकर ड्यूटी पर जाने का फैसला किया। सहकर्मी ने भी फोन करके रुकने को कहा था, मगर विपिन तैयार होकर निकल पड़े। मां का कहना है, "अगर मैं उस दिन उसे रोक लेती तो मेरा लाला जिंदा होता।"
हिस्ट्रीशीटर भाइयों ने उड़ाई जान
पुलिस जांच में सामने आया कि कार चला रहा विनीत उर्फ बिन्ने मधुबन बापूधाम थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ मारपीट और चोरी के छह मुकदमे दर्ज हैं। उसके पिता और चाचा भी थाने के हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं। हादसे में इस्तेमाल कार हाल ही में उसके भाई सुमित ने खरीदी थी और वह भी गाड़ी में मौजूद था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि दिल्ली में किसी पुलिसकर्मी से कहासुनी हुई थी, इसी गुस्से में वे तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहे थे।
130 किमी की रफ्तार पर दौड़ी कार
सीसीटीवी फुटेज से साफ हुआ कि सफेद अर्टिगा कार अचानक लेन बदलते हुए सिपाही से टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि विपिन करीब सात फीट हवा में उछलकर गिरे। सहकर्मियों ने तुरंत उन्हें मणिपाल अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने जांच में पाया कि हादसे के समय आरोपी शराब के नशे में थे और गाड़ी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहे थे।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
सिपाही के भाई अक्षय कुमार ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी और मुखबिरों की मदद से कुछ ही घंटों में विनीत और सुमित को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ की जा रही है। इस दर्दनाक घटना से पुलिस विभाग में शोक की लहर है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।