गीता प्रेस को मिली 10 एकड़ नई जमीन, अब और बढ़ेगा प्रकाशन कार्य,
300 लोगों को मिलेगा रोजगार
7 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: गोरखपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अब अपने प्रकाशन कार्य को और बड़े स्तर पर विस्तार देने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर के गीडा (GIDA) क्षेत्र के सेक्टर-27 में गीता प्रेस को 10 एकड़ जमीन आवंटित की है। यह घोषणा गीडा स्थापना दिवस के मौके पर की गई। लंबे समय से भूमि की कमी का सामना कर रहे गीता प्रेस के लिए यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नई जमीन मिलने से न केवल प्रकाशन क्षमता कई गुना बढ़ेगी, बल्कि करीब 300 नए रोजगार के अवसर भी तैयार होंगे। गीता प्रेस प्रशासन ने इसके लिए विस्तृत योजना भी तैयार कर ली है और परियोजना को तेजी से शुरू करने की तैयारी में है।
विस्तार के लिए 81 करोड़ रुपये का निवेश करेगी गीता प्रेस गोरखपुर के साहबगंज मंडी स्थित गीता प्रेस हर साल करोड़ों की संख्या में धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित करता है। भारत ही नहीं, विदेशों में भी यहां छपने वाली पुस्तकों की मांग लगातार बढ़ रही है। लेकिन स्थान की कमी के कारण उत्पादन क्षमता बढ़ाना मुश्किल हो रहा था। इसी वजह से गीता प्रेस प्रबंधन लंबे समय से अतिरिक्त भूमि की मांग कर रहा था। प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि नई जमीन मिलने से प्रकाशन क्षमता बढ़ाने में काफी आसानी होगी। प्रेस प्रशासन इस परियोजना में लगभग 81 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इससे आधुनिक मशीनें लगाई जा सकेंगी और बड़ा सेटअप तैयार होगा।
हर साल 3 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन वर्तमान में गीता प्रेस 15 भाषाओं में 1848 प्रकार की पुस्तकें प्रकाशित करता है। इनमें 18.75 करोड़ से अधिक श्रीमद्भगवद्गीता और 13.25 करोड़ से अधिक रामचरितमानस व तुलसीदास साहित्य शामिल है। इस समय गीता प्रेस हर वर्ष लगभग 3 करोड़ किताबें प्रकाशित करता है, लेकिन बढ़ती मांग के चलते अपनी ही 20 शाखाओं को समय पर पुस्तकें भेजना भी चुनौतीपूर्ण हो गया था। नई भूमि पर निर्माण होने के बाद यह समस्या पूरी तरह दूर हो जाएगी।
चार साल में पूरा होगा निर्माण नई आवंटित भूमि पर काम शुरू करने के लिए गीता प्रेस को चार वर्ष का समय दिया गया है। इसके बावजूद प्रेस प्रशासन की योजना है कि रजिस्ट्री, बाउंड्री वॉल और मशीनरी की स्थापना जैसे काम अपेक्षित समय से पहले ही पूरे कर दिए जाएं। लालमणि तिवारी का कहना है कि नई जमीन मिलने से प्रेस विस्तार का सपना अब साकार होने जा रहा है, जिसका लाभ करोड़ों पाठकों को मिलेगा।