ठंड में रो रहे मासूम को देखकर गोंडा के एसपी का पिघला दिल…
कपड़े–जूते दिलाकर लौटाई मुस्कान
4 days ago Written By: संदीप शुक्ला
Uttar Pradesh News: गोंडा जिले से इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करने वाली एक खबर सामने आई है। यहां के पुलिस अधीक्षक (SP) विनीत जायसवाल ने सड़क निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर परिवार के छोटे बच्चे की हालत देखकर तुरंत मदद की, जिसकी चर्चा अब पूरे जिले में हो रही है। करीब दो साल का वह बच्चा कंकरीली गिट्टी-पत्थर पर नंगे पैर खड़ा रो रहा था। सर्दी में उसका कांपता शरीर किसी का भी दिल पिघला सकता था। यह दृश्य देखते ही एसपी जायसवाल ने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और बच्चे को गर्म कपड़े व जूते दिलाए। उनके इस मानवीय कदम की सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा हो रही है।
कंकरीली ज़मीन पर रोते बच्चे को देखकर रुकी एसपी की गाड़ी
घटना उस समय की है जब एसपी विनीत जायसवाल अपने कार्यालय जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार को देखा और उनकी नजर एक मासूम बच्चे पर पड़ी, जो कंकरीली जमीन पर नंगे पैर रो रहा था। सर्दी की सुबह में बच्चे की स्थिति देखकर एसपी तुरंत भावुक हो गए। उन्होंने गाड़ी रुकवाई और मौके पर जाकर बच्चे की हालत पूछी।
तुरंत दिलाए गर्म कपड़े और जूते, खिल उठी मासूम की मुस्कान
एसपी जायसवाल ने बिना देर किए बच्चे के लिए गर्म जैकेट और जूते का इंतज़ाम कराया। जैसे ही बच्चे को नए कपड़े और जूते पहनाए गए, उसके चेहरे पर खुशी की चमक लौट आई और वह मुस्कुराने लगा। यह दृश्य देखकर आसपास मौजूद लोग भी भावुक हो गए।
सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लोगों से की भावुक अपील
एसपी विनीत जायसवाल ने इस पूरी घटना की फोटो और जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। अपनी पोस्ट में उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि उनके आसपास कोई जरूरतमंद बच्चा या व्यक्ति दिखे, तो अपनी क्षमता के अनुसार उसकी तुरंत मदद करें। उन्होंने लिखा कि छोटी-छोटी मदद भी किसी की जिंदगी में बड़ी खुशियां ला सकती है।
यूजर्स ने कहा- यही है असली पुलिस
एसपी की इस भावुक पोस्ट पर हजारों लोगों ने प्रतिक्रिया दी और उनकी संवेदनशीलता की सराहना की। लोगों ने लिखा कि यह कदम पुलिस की मानवीय छवि को दर्शाता है और बताता है कि वर्दी के पीछे भी एक दयालु दिल धड़कता है। एसपी जायसवाल ने कहा कि समाज के सक्षम लोगों और समाजसेवियों को आगे आकर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने इसे एक बेहतर और संवेदनशील समाज निर्माण के लिए जरूरी बताया।