गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे:
यूपी को मिलेगा नया ग्रीनफील्ड कनेक्टिविटी कॉरिडोर
1 months ago Written By: Aniket prajapati
आगामी गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाले 650 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का सीमांकन अंतिम दौर में पहुँच गया है। यह परियोजना पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगी — यानी पुराने मार्गों का उपयोग नहीं कर नई जमीन पर बनकर तैयार होगी। अधिकारियों के अनुसार इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर लगभग ₹15,000 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। एक्सप्रेसवे नौ जिलों से होकर गुजरेगा और पूर्वी यूपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के औद्योगिक केंद्रों से सीधे जोड़ेगा।
रूट और जिलों की सूची — किस-किस से गुजरेगा एक्सप्रेसवे? योजना के मुताबिक गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, पुवायां (शाहजहांपुर), बीसलपुर (पीलीभीत), बिजनौर, सहारनपुर और शामली जिलों से होकर गुजरेगा। बिजनौर में यह देहरादून–दिल्ली एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा, जिससे दिल्ली, देहरादून और पश्चिमी यूपी के बीच कनेक्टिविटी और मजबूती पायेगी।
लाभ — किसे और कैसे फायदा होगा? इस एक्सप्रेसवे के बनने से पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच यात्रा का समय बहुत घटेगा। नेपाल बॉर्डर से आने–जाने वाले मालवाहक तेज और सीधा मार्ग पायेंगे, जिससे व्यापार में तेजी आएगी। पानीपत के औद्योगिक हब से यूपी के कारोबारियों को सीधे लाभ होंगे। साथ ही श्रावस्ती, बलरामपुर और बहराइच जैसे पिछड़े क्षेत्रों में निवेश, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा मिलेगा।
अगला कदम — जमीन अधिग्रहण और टेंडर प्रक्रिया यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बताया कि सीमांकन के बाद जमीन अधिग्रहण जल्द शुरू होगा और टेंडर प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी की जाएगी। यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक्सप्रेसवे पहल के अंतर्गत आ रही है। गंगा एक्सप्रेसवे के बाद यह और एक बड़ा प्रोजेक्ट प्रदेश की सड़क संरचना को और मजबूत करेगा।
क्या खास है इस प्रोजेक्ट में? गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड कॉरिडोर है, इसलिए इससे मार्ग का विस्तार, आधुनिक रेलिगेटेड इंटरचेंज और औद्योगिक कनेक्टिविटी की बेहतर योजना बनाई जा सकेगी। पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद यूपी देश में सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क वाले राज्यों में से एक बन जाएगा और पूर्वांचल के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएगा।