गोरखपुर में फैला इस बीमारी का डर... प्रसाद में मिला दूध पीकर 100 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंचे,
गांव में लगा मेडिकल कैंप
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रामदीह गांव में अचानक एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है। यहां 100 से ज्यादा लोग एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवा चुके हैं। गांव में डर का माहौल इसलिए बना क्योंकि पूजा के प्रसाद में वही दूध इस्तेमाल हुआ था, जो उस गाय से आया था जिसकी शनिवार शाम मौत हो गई थी। बताया गया कि गाय को किसी कुत्ते ने काट लिया था और उसके बाद उसमें रेबीज जैसे लक्षण दिखाई दिए। यही वजह है कि गांव में यह डर फैल गया कि कहीं बीमारी इंसानों में न फैल जाए। बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में ही एक स्पेशल मेडिकल कैंप लगा दिया है।
गाय के दूध से बना प्रसाद खाने के बाद फैला डर करीब 3,000 की आबादी वाले रामदीह गांव में उन सभी लोगों में दहशत है जिन्होंने गाय का दूध पिया या उससे बनी कोई चीज खाई। गांव के प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि एक हफ्ते पहले धर्मेंद्र गौड़ की गाय अचानक बीमार हुई थी। पशु चिकित्सक को बुलाया गया, जिन्होंने जांच के बाद बताया कि गाय को कुत्ते ने काटा है और उसके शरीर में रेबीज संक्रमण फैल चुका है। डॉक्टर ने गाय का वीडियो बनाकर सीनियर डॉक्टर को भेजा, जिन्होंने भी लक्षणों की पुष्टि की। उन्होंने चेतावनी दी कि गाय का व्यवहार असामान्य हो सकता है और वह शायद बच न पाए।
डॉक्टर की सलाह पर लोग लगवा रहे हैं एंटी-रेबीज टीका पशु चिकित्सक ने सलाह दी कि जिसने भी गाय का दूध पिया है, वह एहतियात के तौर पर तुरंत एंटी-रेबीज टीका लगवा ले क्योंकि इस बीमारी का इलाज नहीं होता। इसके बाद पता चला कि 29 अक्टूबर और 2 नवंबर को पूजा के प्रसाद में इसी गाय का दूध इस्तेमाल हुआ था। इसलिए बड़ी संख्या में लोग उरुवा PHC पहुंच गए। अब तक लगभग 130 लोग पहली डोज ले चुके हैं, जबकि कुछ लोग पिछले 3 से 6 महीने में दूध पीने की वजह से भी टीका लगवा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग बोले-डर की जरूरत नहीं PHC के मेडिकल ऑफिसर डॉ. जय प्रकाश तिवारी ने बताया कि लोगों में घबराहट ज्यादा है, जबकि किसी में अभी कोई लक्षण नहीं हैं। डॉक्टर ने कहा कि ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि गाय के दूध से इंसान को रेबीज हो सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह नकारा भी नहीं जा सकता। अभी गाय का सैंपल लैब में जांच के लिए भी नहीं भेजा गया है। गांव में कैंप लगाकर लोगों को समझाया जा रहा है कि वे घबराएं नहीं।