गोसाईगंज: 11 साल बाद भी नहीं मिला सुराग,
दो शव मिलने का रहस्य आज भी अनसुलझा
1 months ago Written By: संदीप शुक्ला
लखनऊ के गोसाईगंज क्षेत्र में वर्ष 2014 में मिले दो शवों का राज आज भी अनसुलझा है। दस जुलाई 2014 को गंजरिया फार्म के जंगल में बबूल के पेड़ से फांसी पर लटके दो शव मिले थे। शव बुरी तरह सड़े हुए थे और आसपास बदबू फैल गई थी। जब ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो टीम मौके पर पहुंची। हालांकि शुरुआती जांच में पुलिस ने इन्हें प्रेमी-युगल की मौत माना, लेकिन पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि दोनों शव युवकों के थे। इसके बाद पुलिस ने पहचान और हत्यारों की तलाश में कई जिलों में छानबीन की, पर 11 साल बाद भी जांच ठप पड़ी है।
घटना के समय हड़कंप, मौके पर पहुंची पुलिस गोसाईगंज के मस्तेमऊ गांव के पास स्थित गंजरिया फार्म के जंगल में दो युवकों के शव पेड़ से अगल-बगल लटके मिले थे। शवों की हालत इतनी खराब थी कि पहचान करना मुश्किल था। सूचना पाकर पुलिस पहुंची और आसपास के इलाके में पूछताछ शुरू की। किसी भी ग्रामीण ने मृतकों को पहचानने से इनकार कर दिया। पुलिस ने तत्काल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा शुरुआत में पुलिस मृतकों को प्रेमी-जोड़ा समझ रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट से पता चला कि दोनों शव युवकों के थे। यह खुलासा होते ही पुलिस ने हत्या का शक जताया और मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। कई टीमें बनाई गईं और लखनऊ के साथ-साथ अन्य जिलों में भी खोजबीन की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
जांच में पुलिस की नाकामी, 11 साल बाद भी फाइलें धूल खा रहीं करीब दर्जनभर पुलिसकर्मी महीनों तक इस मामले में जुटे रहे, लेकिन पहचान न होने और सुराग न मिलने के कारण जांच धीरे-धीरे ठंडी पड़ गई। 11 साल गुजरने के बाद भी न तो मृतकों की पहचान हो सकी और न ही उनके कातिलों का कोई सुराग मिला। यह मामला लखनऊ पुलिस की उन कई अधूरी जांचों में शामिल हो गया है, जहां समय बीतने के साथ फाइलें अलमारी में बंद होकर रह जाती हैं।
आज भी अनसुलझा है दो मौतों का ये रहस्य गोसाईगंज के जंगल में मिले दो शव आज भी एक पहेली बने हुए हैं। लोग आज भी इस घटना को याद करते हैं, लेकिन जांच की धीमी रफ्तार और सुरागों के अभाव ने इसे अनसुलझे केसों की सूची में डाल दिया है।