तुर्की-जर्मनी से हवाला के जरिए चल रहा था धार्मिक उन्माद फैलाने का नेटवर्क,
ग्रेटर नोएडा से फरहान नबी सिद्दीकी गिरफ्तार
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए फरहान नबी सिद्दीकी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एटीएस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग एक निजी कंपनी के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाने वाली किताबें छापने और बांटने का काम कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि इस नेटवर्क को विदेश से हवाला और अन्य गैरकानूनी माध्यमों से करोड़ों रुपये की फंडिंग मिल रही थी। गिरफ्तार फरहान नबी और उसके साथियों पर बांग्लादेशी नागरिकों को शरण देने और विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में ठहराने के आरोप भी लगे हैं।
निजी कंपनियों के जरिए चल रहा था नेटवर्क एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि फरहान नबी सिद्दीकी, नासी तोर्बा और अन्य लोगों ने एम/एस इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, एम/एस हकीकत वक्फी फाउंडेशन और एम/एस रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनियां बनाई थीं। इन कंपनियों के जरिए हकीकत प्रिंटिंग प्रकाशन नाम से एक प्रिंटिंग प्रेस चलाया जा रहा था, जहां धार्मिक और सामाजिक समूहों के बीच नफरत और उन्माद फैलाने वाली किताबें छापी जा रही थीं।
तुर्की और जर्मनी से आया करोड़ों का हवाला एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि इन कंपनियों को तुर्की और जर्मनी से हवाला के जरिए करोड़ों रुपये भेजे गए। फरहान नबी इन पैसों का उपयोग भारत में अलग-अलग जगहों पर मदरसों, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने में कर रहा था। शुरुआती जांच में लगभग 11 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ है।
विदेशी और बांग्लादेशी नागरिकों को दी शरण फरहान नबी पर आरोप है कि वह विदेशी नागरिकों, खासकर तुर्की और जर्मनी से आने वाले लोगों को बिना किसी आधिकारिक अनुमति के अपने परिसर में ठहराता था। इसके अलावा, उसने अवैध रूप से भारत में आए बांग्लादेशी नागरिकों को भी शरण दी थी। यह गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आने के बाद एटीएस ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
फरहान गिरफ्तार, बाकी आरोपियों की तलाश जारी एटीएस ने इन गंभीर आरोपों के आधार पर फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है, जो एम/एस इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का सह-निदेशक बताया जा रहा है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है। साथ ही हवाले के जरिए विदेश से आने वाली फंडिंग और उसके इस्तेमाल की जांच की जा रही है।