ग्रेटर नोएडा में मोतियाबिंद का मुफ्त इलाज शुरू, जिम्स ने उठाया बड़ा कदम,
98% मरीजों की दृष्टि सुधरने की उम्मीद
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: ग्रेटर नोएडा से लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर आई है। अब यहां मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों का इलाज राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में बिल्कुल मुफ्त किया जाएगा। जिम्स प्रशासन ने विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन की व्यवस्था शुरू कर दी है, जिससे खासकर गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बड़ा लाभ मिलेगा। भारत में मोतियाबिंद अंधेपन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है और उत्तर प्रदेश में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं। ऐसे में यह पहल लोगों की दृष्टि और जीवन गुणवत्ता में सुधार ला सकती है। जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि मोतियाबिंद सर्जरी से 98% मरीजों की आंखों की रोशनी वापस लौट आती है।
UP में लाखों लोग मोतियाबिंद के शिकार जिम्स निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 50 साल और उससे अधिक उम्र के करीब 20 से 25 लाख लोग मोतियाबिंद से प्रभावित हैं। इस बीमारी से होने वाली अंधता को रोकने के लिए जिम्स में अब दवाओं से लेकर जांच और सर्जरी तक सभी सेवाएं मुफ्त में दी जाएंगी। निजी अस्पतालों में यह इलाज काफी महंगा होता है, ऐसे में जिम्स की यह सुविधा मरीजों के लिए बड़ी राहत है।
मोतियाबिंद के लक्षण क्या होते हैं मोतियाबिंद धीरे-धीरे दृष्टि को कमजोर करता है। इसके प्रमुख लक्षणों में धुंधलापन, धुंधली दृष्टि, पढ़ने और रात में गाड़ी चलाने में दिक्कत शामिल हैं। कम रोशनी में देखने में परेशानी बढ़ जाती है और तेज रोशनी से आंखों में असुविधा होने लगती है। कई मरीजों को रोशनी के आसपास चमक या प्रभामंडल दिखाई देता है। समय के साथ रंग फीके पड़ने लगते हैं और कभी-कभी एक ही वस्तु दो दिखाई देती है। लगातार बदलती दृष्टि के कारण चश्मे का नंबर बार-बार बदलना भी एक आम संकेत है।
इलाज का एकमात्र विकल्प—सर्जरी जब चश्मा या लेंस मदद नहीं करते, तब सर्जरी ही अंतिम उपाय बनती है। जिम्स में शुरू हुई मुफ्त सर्जरी से मरीज बिना किसी खर्च के अपना इलाज करा सकेंगे। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए मददगार है जो आर्थिक तंगी की वजह से ऑपरेशन नहीं करा पाते। जिम्स का यह प्रयास न सिर्फ दृष्टि बहाल करेगा, बल्कि मरीजों की जीवन गुणवत्ता भी बेहतर बनाएगा।